उत्तराखंडः विधायक और पूर्व विधायक फायरिंग मामले में हाईकोर्ट के सख्त कार्रवाई के निर्देश
उत्तराखंड में सियासी संग्राम ने अब नया मोड़ लिया है, जब नैनीताल हाईकोर्ट ने इस मामले पर सख्त रवैया अपनाया और स्वत: संज्ञान लिया। पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच 26 जनवरी को हुई गोलीबारी की घटना ने प्रदेश में हलचल मचा दी है। इस फायरिंग मामले में कोर्ट ने कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है।
प्रणव चैंपियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, उनकी लग्जरी गाड़ियां सीज की गई हैं और उनके हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। इसके साथ ही उमेश कुमार के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए गए हैं, उनका आर्म्स लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन और पुलिस से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इसे शर्मनाक और अक्षम्य बताते हुए उत्तराखंड की छवि को नुकसान पहुंचाने की चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने इस मामले में राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन न किए जाने को लेकर भी चिंता जताई।
पुलिस ने जानकारी दी कि दोनों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं—प्रणव चैंपियन को जेल भेजा गया है, जबकि उमेश कुमार जमानत पर हैं। उनके खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में 19-19 मामले लंबित हैं और उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है।
अब मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी, जब जिलाधिकारी और एसएसपी को कोर्ट में पेश होकर आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का पूरा विवरण शपथपत्र के रूप में देना होगा।
याद रहे कि यह घटना 26 जनवरी को हुई थी, जब प्रणव सिंह चैंपियन ने उमेश कुमार के कार्यालय पर जाकर न सिर्फ मारपीट की, बल्कि ताबड़तोड़ गोलीबारी भी की थी। यह घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसे देखकर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की थी। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से जुबानी जंग चल रही थी, जो अब हिंसक रूप में बदल चुकी है।