बलिदान दिवस पर शहीद लॉसनायक मोहन गोस्वामी को अर्पित की श्रद्धांजलि, अब शहीद के नाम पर होगा यह स्कूल
लालकुआं। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बिंदुखत्ता में अमर शहीद लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी (अशोक चक्र से अलंकृत) के बलिदान दिवस पर उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सैनिक कल्याण अधिकारियों को इंद्रानगर स्थित शहीद स्थल पर शहीद लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी की प्रतिमा लगाने के निर्देश दिए।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शहीद लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी के उत्कृष्ट वीरता का प्रदर्शन और उनके बलिदान के दृष्टिगत राजकीय कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय इन्द्रानगर 1 बिन्दुखत्ता, नैनीताल का नाम लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी (अशोक चक्र से अलंकृत) रखा गया है। जिसका उद्घाटन भी आज ही किया जा रहा है। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि शहीदों का सम्मान करना हर देशवासी का कर्तव्य है और पुष्कर सिंह धामी सरकार लगातार सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने 14 गढ़वाल रायफल्स के शहीद नंदा बल्लभ देवराडी को पुष्प अर्पित कर उन्हे भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
गौरतलब है कि आज के ही दिन लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी शहीद हुए थे। लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी अशोक चक्र जिनका सम्बन्ध 9वीं बटालियन पैरा रेजिमेंन्ट (एसएफ) से था, ये एक आदर्श, बहादुर और निर्भीक जवान के बतौर अपनी रेजिमेंन्ट में विशेष स्थान रखते थे। 2 और 3 सितम्बर 2015 को लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी जम्मू और कश्मीर के कुपवाडा जिले के हफरूदा के अत्यन्त घने जंगलों में घात लगाने वाले दस्ते में शामिल थे। उसी दिन चार कुख्यात आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ हुई। जिसमें इनके 2 साथी गम्भीर रूप से घायल हो गये। उन्हें पता था कि उनके साथियों की जिन्दगी खतरे में है, उसे दरकिनार करते हुये अपने दोनों घायल साथियों को बचाने के लिये आगे बढ़े और प्राणो की चिन्ता किये बगैर एक आतंकवादी को मार गिराया तथा दूसरे आतंकवादी को घायल कर दिया। इस बीच लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी के पेट में गोली लगी।
घायल अवस्था में भी भारतीय सैन्य परम्परा के उच्च आदर्शों को बनाते हुए वह अन्तिम आतंकवादी पर टूट पड़े और वीरगति को प्राप्त होने से पहले उसे भी बहुत नजदीक से मार गिराया। लॉसनायक मोहन नाथ गोस्वामी ने न केवल आतंकवादियों को मार गिराया, बल्कि -अन्य दो आतंकवादियों को भी मार गिराने में सहायता की। इतना ही नहीं अपने 3 घायल साथियों की जान भी बचाई। इस पूरे ऑपरेशन को करने में उन्होने उत्कृष्ट वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की उच्चतम परम्पराओं के अनुरूप सर्वोच्च बलिदान दिया गया। मरणोपरान्त उन्हें शान्तिकाल का सर्वोच्च वीरता पुरुस्कार अशोक चक्र से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर शहीद की पत्नी भावना गोस्वामी, लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट, मण्डल अध्यक्ष जगदीश पंत, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुबोध शुक्ला, कैप्टन प्रताप सिंह बिष्ट सहित पूर्व सैनिक तथा स्थानीय लोग उपस्थित रहे।