सबका साथ, सबका विकास” का नारा, एक का विकास, सबका विनाश में तब्दील हो चुका
हल्द्वानी। सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ संविधान और लोकतंत्र के लिए तीन वामपंथी पार्टियों के संयुक्त जन अभियान” के तहत हल्द्वानी के रायबहादुर हरि प्रसाद टम्टा पार्क में जन सम्मेलन सम्पन्न हुआ। जन सम्मेलन में तीन कम्युनिस्ट पार्टियों – भारत की कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी – लेनिनवादी) के कार्यकर्ताओं सहित अनेक संगठनों के लोग मौजूद रहे।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता और भाकपा माले के कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन राजा बहुगुणा ने कहा कि, “संघ भाजपा देश के 88 प्रतिशत बहुसंख्यकों को 14 प्रतिशत अल्पसंख्यकों का भय दिखा कर 100 प्रतिशत भारतीयों को हक अधिकार, जीवन जीविका लूटने का काम कर रही है। 2014 में दिया गया “सबका साथ, सबका विकास” का नारा, एक का विकास, सबका विनाश में तब्दील हो चुका है। जो भाजपा भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ने का दावा करके सत्तासीन हुई थी, आज उसके भ्रष्टाचार की कलई कैग ने खोल दी है।
भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि,”उत्तराखंड सरकार ने 47758 करोड़ रुपया बिना विधानसभा की अनुमति के खर्च कर दिया। चूंकि भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा की कलई खुल चुकी है, मंहगाई, बेरोजगारी के मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही, इसलिए वह सत्ता में बने रहने के लिए धार्मिक विभाजन के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाने के अभियान को सांप्रदायिक घृणा फैलाने के अभियान के तौर पर राज्य सरकार ने चलाया। आज यह अभियान पहाड़ में छोटे छोटे बाजारों में भी लोगों की आजीविका छीनने का साधन बन गया है। यही भाजपा की असलियत है, धार्मिक घृणा फैला कर वह गरीबों का सब कुछ छीन लेना चाहती है। जन सम्मेलन को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि, “ऐसा लगता है कि एक सुनियोजित तरीके से प्रदेश को सांप्रदायिक नफरत की आग में झोंका जा रहा है। जन सम्मेलन में सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ सभी गांव-शहरों में अभियान चलाने का संकल्प लिया गया।