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शिव कथा में शक्ति के सती रूप से लेकर पार्वती अवतार तक का वर्णन

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लालकुआं। नगर के मां अवंतिका मंदिर में चल रही शिव कथा के सातवें दिन कथा वाचक पंडित दुर्गा दत्त त्रिपाठी द्वारा जगत जननी जगदंबा के दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के विभिन्न चरित्रों का वर्णन किया। साथ ही हिमालय पुत्री के रूप में माता पार्वती के जन्म का बड़ा ही सुंदर और सारगर्भित प्रसंग सुनाया गया।

पंडित दुर्गा दत्त त्रिपाठी शास्त्री ने कहा कि भगवान शिव ने अपना जो अर्द्घ नारीश्वर रूप सर्वप्रथम ब्रह्मा और विष्णु को दिखाया। उन्हीं देवों की विनती के अनुसार अर्धनारीश्वर रूप में विराजित शक्ति ने दक्ष पुत्री के रूप में जन्म लिया और शिव और शक्ति ने अपनी विभिन्न लीलाओं के माध्यम से संसार को महान संदेश दिया। उसके बाद वही सती अगले जन्म में हिमालय और मैना की आराधना से प्रसन्न होकर उनके घर में पुत्री के रूप में अवतरित हुई।

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कथावाचक ने इसके अलावा प्रमुख 51 शक्तिपीठों का भी वर्णन किया और कहा कि प्रत्येक शक्तिपीठ का प्रातः काल स्मरण करने से मनुष्य को परम ऐश्वर्य सुख समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर मुख्य रूप से विद्वान आचार्य भास्कर पांडे, हिमांशु पांडे, पंडित रमाकांत पंत, प्रकाश जैन, दीवान सिंह बिष्ट दानी, सुरेंद्र लोटनी, महेश चंद्र पंत, जीवन भंडारी, घनश्याम गोयल, खड़क सिंह, जगदीश चंद्र अग्रवाल, अजय उप्रेती, हीरा खाती, तारा पांडे, बीना जोशी, यमुना नैनवाल, नंदी उप्रेती, तारा जोशी, शोभा जोशी, रजनी भंडारी, रीता सिंह, आरती सिंह, पीतांबर दुम्का, दीप लोहनी, जटाशंकर, नंदा बल्लभ पांडे, इष्ट देव त्रिपाठी, वंदना, विजय सिंह, रमेश, दीपा मिश्रा, विमला गोयल, सुभाष नागर, रविंदर यादव, नारायण सिंह मेहता समेत अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।

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Daleep Singh Gariya

संपादक - देवभूमि 24