उत्तराखंड के चारों धामों में यात्रियों की संख्या ने बनाया रिकार्ड, पहुंचे इतने लाख श्रद्धालु
देहरादून। उत्तराखंड चारधाम यात्रा समापन सत्र की तरफ बढ़ रही है। बद्रीनाथ और केदार धाम के कपाट दीपावली के बाद बंद होने हैं। इस साल चारधाम यात्रियों की संख्या 52 लाख को पार कर चुकी है। बद्री केदार मंदिर समिति ने वेबसाइट पर तीर्थयात्री पंजीकरण के आंकड़ों को जारी करते हुए ये जानकारी दी है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2023
दर्शनार्थियों की संख्या
1-श्री बदरीनाथ धाम
1 नवंबर को पहुंचे तीर्थयात्री 6250कपाट खुलने की तिथि 27 अप्रैल से 1नवंबर रात्रि तक -1720514 तीर्थयात्री
2- श्री केदारनाथ धाम
1 नवंबर को पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या 9228
कपाट खुलने की तिथि 25 अप्रैल से 1 नवंबर तक कुल तीर्थयात्री 1898161
(हेलीकॉप्टर से 129872 तीर्थयात्री भी शामिल)
3-श्री गंगोत्री धाम
1नवंबर को पहुंचे तीर्थयात्री 2586
कपाट खुलने की तिथि 22 अप्रैल से 1 नवंबर तक 890441 तीर्थयात्री
4-श्री यमुनोत्री धाम
1 नवंबर को पहुंचे तीर्थ यात्री -2586
कपाट खुलने की तिथि 22 अप्रैल से 1 नवंबर तक 727359 तीर्थयात्री
• 1 नवंबर तक श्री बदरीनाथ- केदारनाथ पहुंचनेवाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग 3618675
• 1 नवंबर तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 1613991
31अक्टूबर शाम तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 5217177
श्री हेमकुंड साहिब- लोकपाल तीर्थ के कपाट 20 मई को खुले तथा 11 अक्टूबर 2023 को दोपहर 1 बजे बंद हो गये है। दर्ज यात्री आंकड़ों के अनुसार 177463 से अधिक श्रद्धालु श्री हेमकुंट लोकपाल तीर्थ दर्शनों के लिए पहुंचे। जबकि हेमकुंट ट्रस्ट द्वारा यात्रियों की संख्या 262351 बतायी गयी है।
चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट शनिवार 20 मई को खुले, यात्रा चल रही। बुधवार 18 अक्टूबर प्रात: 8 बजे कपाट बंद हो गये हैं। विग्रह मूर्ति 20 अक्टूबर को गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर पहुंच गयी।
द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट सोमवार 22 मई को श्रद्धालुओं को दर्शन हेतु खुले। 22 नवंबर को कपाट शीतकाल हेतु बंद होंगे अभी तक 12 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।
तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट 26 अप्रैल को खुलने के बाद यात्रा निरंतर चल ही है अभी तक साढ़े एक लाख छत्तीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।
1 नवंबर बुद्धवार को पूर्वाह्न 11 बजे शीतकाल हेतु कपाट बंद हो गये। तथा श्री तुंगनाथ जी की विग्रह डोली रात्रि प्रवास हेतु चोपता पहुंची। 2 नवंबर भनकुन प्रवास करेगी।विग्रह देव डोली 3 नवंबर को शीतकालीन पूजास्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंच रही है।