नेता प्रतिपक्ष का आरोप- सिलक्यारा टनल हादसे ने प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन की खोल दी पोल
हल्द्वानी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सिलक्यारा टनल के मामले ने न केवल प्रदेश के बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने कहा कि 1 सप्ताह से देश के लोग और विपक्ष नैतिक रूप से इस संकट की घड़ी में सरकार और आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों के साथ खड़े थे, पर अब सब्र का बांध टूट रहा है। सरकार को बचाव कार्य करने के साथ जबाबदेही भी तय करनी होगी।
उन्होंने कहा कि देश के 42 लोगों की बहुमूल्य जानों के साथ किसी को भी प्रयोग करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि 41 लोगों की बहुमूल्य जानें सप्ताह भर से संकट में फंसी हैं और अभी भी बचाव के नाम पर हर दिन नए प्रयोग ही किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को साफ करना चाहिए कि लगभग 5 किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण के मूल प्रोजेक्ट में मलबा निकालने व बचाव के लिए एडिट टनल व एस्केप टनल का प्राविधान था भी या नहीं? अगर प्रोजेक्ट में ये प्राविधान था और कंपनी बिना एडिट टनल व एस्केप टनल के काम कर रही थी तो कंपनी पर सुसंगत धाराओं में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। यदि प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ये महत्वपूर्ण प्राविधान नहीं किये थे तो निर्माण करने वाले विभाग पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि इस बड़ी परियोजना के निर्माण में मानकों और सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित करने में निश्चित रूप से अवहेलना हुई है, इसलिए अब दुर्घटना होने के बाद विकल्पों को तलाशा जा रहा है। जबकि परियोजना को शुरू करते समय भूगर्भीय सर्वेक्षण के बाद सबसे पहले सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित किया जाना चाहिए था। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में राज्य के विभागों की तुलना में बहुत ही महंगी दरों पर बेहद घटिया काम लापरवाही के साथ हो रहा है। इसलिए सिलक्यारा जैसी स्थितियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बेहद सम्बेदनशील टनल निर्माण के कार्य में लगी सरकारी कंपनी और जमीन पर काम कर रही पेटी कंपनी के टनल निर्माण के क्षेत्र के अनुभव को भी जनता के सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक सूचनाओं से ये सिद्ध होता है कि यह दुर्घटना लापरवाही और अनुभवहीनता का नतीजा है। उन्होंने बताया कि वह सोमवार को सिलक्यारा जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे।