हलद्वानी के गौजाजली स्थित जामियां सैयदा फातिमा जहरा मदरसे में मनाया गया उर्से आला हजरत
इस अवसर पर मदरसे के टीचर्स स्टाफ व पढ़ने वाली बच्चों एवं छेत्र के लोगों ने उर्स मनाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
मदरसे की प्रधानाचार्य मोहतरमा उसका परवीन अजहरी ने कुरान खुवानी, नातों कवद, नातिया कलाम पढ़कर आला हजरत की जिंदगी पर रोशनी डाली और उनके द्वारा लिखी गई हजारों किताबों, विश्व में उनकी प्रसिद्धी के बारे में बताया उनके द्वारा लिखी गई किताबों पर आज विश्व के कई विश्वविद्यालयों में छात्रों द्वारा पीएचडी की जा रही है।
इमाम आला हजरत सन 1856 में बरेली शहर में, पैदा हुए थे उन्हें बचपन से ही इस्लामी किताबें पढ़ने वह कुरान की तिलावत करने व हदीसों को पढ़ने का शौक रहा है।
इस अवसर पर निशा परवीन, शादमा परवीन, अंग्रेजी टीचर शबाना परवीन कंप्यूटर टीचर्स आलिया परवीन, मदरसे के प्रबंधक मुफ्ती मौ० नईम अजहरी ने अपने समापन भाषण में आला हजरत की जिंदगी पर तफ़सील से चर्चा की ।
इस अवसर पर सैकड़ौ महिलाओं ने उर्स रज़विया में हिस्सा लिया और फातिहा ख़ुवानी के बाद मिठाई का वितरण किया गया।