महिलाओं के शिक्षण और अर्थिक स्वालम्बन की योजनाओं पर प्रकाश डाला
हल्द्वानी। मोतीराम बाबूराम स्नाकोत्तर महाविद्यालय और 24 यूके गर्ल्स बटालियन एनसीसी के द्वारा भारत सरकार की योजना नई रोशनी स्कीम फार लीडरशिप डेवलपमेन्ट आफ माइनॉरिटी वूमेन पर चार दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसका उद्वघाटन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एनएस बनकोटी के उद्बोधन से हुआ।
प्राचार्य एनएस बनकोटी ने भारत सरकार की योजना नई रोशनी के अन्तर्गत अल्पसंख्क महिलाआंे और बालिकाओं के लिए चलाए जाने चाले विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। साथ ही महिलाआंे के समावेशी समाजिक विकास के लिए हर महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया। वेबीनार के संयोजक 24 यूके गर्ल्स बटालियन एनसीसी की एएनओ डा. (लेफिटनेंट) ज्योति टम्टा ने 2012-13 में शुरू की गई नई रोशनी स्कीम के बारे में बताया। डा. ज्योति टम्टा मॉड्यूल के जरिए महिलाओं में नेतृत्व, शैक्षिण कार्यक्रम, स्वास्थ्य और सफाई, वितीय साक्षरता, स्वच्छ भारत, महिलाओ के व्यक्तिगत ओैर कानूनी अधिकार, डिजिटल साक्षरता, सामाजिक और व्यावहरिक परिवर्तन के बारे में जानकारी दी।
वेबीनार के पहले दिन मुख्य वक्ता अस्टिेंट प्रो. बीएड डा. तनुजा मेलकानी ने महिलाओ के शिक्षण और अर्थिक स्वालम्बन की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। जबकि दूसरे दिन मुख्य वक्ता राजकीय पालिटेक्निक दन्या के प्राचार्य संजय कुमार ने कौशल आधारित शिक्षा के अर्न्तगत चल रहे भारत सरकार के ऑन लाइन और ऑफ लाइन विषयों के बारे में बताया। साथ ही डिजिटल साक्षरता के अर्न्तगत किन-किन बेवसाइट के माध्यम से कोर्स किया जा सकता है, के बारे में जानकारी दी।
वेबीनार के दूसरे दिन मुख्य चेयरपर्सन डा. दीपा वर्मा ने भी अल्पसंख्यक महिलाओ के उन्नयन विकास के लिये किये जाने वाले शैक्षिणक योजनाओ और डिजिटल एजुकेशन योजनाओ और कार्यो के विषयो में बताया गया। वेबीनार के तीसरे दिन मुख्य वक्ता अनमोल संकल्प सिद्वि फाउडेशन की लीगल एडवाइजर दिव्या जायसवाल ने वूमन इम्पावरमेन्ट एण्ड सर्पोटिंग लॉ इन इंण्डिया पर व्याख्यान दिया। महिलाओ के कार्यक्षेत्र के कानूनो, पास्को एक्ट, दहेज ऐक्ट और महिलाओ को सशक्त बानने के कानून के विषय में विस्तार से बताया।
मुख्य चेयरपर्सन डा. कृष्णा भारती अर्थशास्त्र विभाग पीएनपीजी कालेज रामनगर ने भी महिलाओ के साथ होने वाले भेदभाव और महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे।अंतिम और चौथे दिवस पर मुख्य वक्ता डा. प्रीति टम्टा असिस्टेंट प्रोफेसर मनोविज्ञान एसएसजे विेश्वविद्यालय अल्मोडा ने बालिकाओ और महिलाओ में मासिक धर्म के दौरान होने वाले शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक परिवर्तनो और तनाव को दूर करने के विषय में व्याख्यान दिया। साथ ही इस दौरान महिलाआंे के शारीरिक व व्यक्तिगत स्वच्छता और पोषक भोजन पर खाने पर बल दिया।
डा. प्रीति टम्टा ने बताया कि भारत की आधी आबादी महिलायंे है और भारत में पीरियड पॉवटी दुनिया के अन्य देशो के मुकाबले में ज्यादा है। इस विषय पर अभी भी धार्मिक और सामाजिक रूढियां है। इस पर बात करने की आवश्यकता है, जिससे महिलाओ के स्वास्थ्य में भी सुधार लाया जा सकता है। डा. रूचि कक्कड ने वर्तमान परिपेक्ष में महिलाओ की स्थिति के विषय में बताया। मुख्य चेयरपर्सन डा. रेखा जोशी ने बाताया कि इस विषय पर बच्चो से बात करके उनके समस्या का समाधान करने की आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम मे 24 एनसीसी के कमान अधिकारी कर्नल एमके काण्डपाल, डा. लक्ष्मी देवी, डा. रूपा आर्या, प्राध्यायपक डा. एमसी आर्या, डा. पूनम पंत, डा. केतकी, डा. मंजू पनेरू, डा. विजयलक्ष्मी, डा. सुधा पाल, डा. चन्द्रप्रकाश, डा. डीएन जोशी के अलावा एनसीसी कैडेट मृणाल बोरा, दिव्ंयाशी, प्रेरणा, गरिमा, प्रियाशी, रितिका बिष्ट, भावना दानू, तनिषा दानू, हेमा राय, अंजली, रोशानी, मनीषा, पायल, शिया, तोशिबा, रिया, कोमल, गौरी, शोभा, नीलम, भूमिका आदि ने भी प्रतिभाग किया। वेबीनार के संयोजक डा. (लेफिटनेंट) ज्योति टम्टा ने सभी प्रतिभागियों और वक्ताओ का धन्यवाद ज्ञापित किया।