कोटाबाग में नवजात की मौत मामले में आयुक्त ने बैठाई जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई
हल्द्वानी। मंडलायुक्त दीपक रावत ने वर्ष 2006 से परेशान परिवार को महज 24 दिन में न्याय दिलाया है। उन्होंने अधिकारियों को भी समस्याओं को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। कहा कि इस कार्य में लापरवाही कतई न बरती जाए। मंडलायुक्त दीपक रावत ने मंगलवार को जनता की समस्याएं सुनी।
इस दौरान उन्होंने मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की है कि वह जमीन खरीदने से पहले पूरी तरह से यह जांच लें कि उसे पहले किसी और ने तो नहीं खरीदा है अथवा उसमें कोई विवाद तो नहीं है। उन्होंने कहा कि कोटाबाग में महिला की डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत का मामला बेहद गंभीर है। जिसकी जांच की जा रही है और जो भी दोषी डॉक्टर हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त ने कहा मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जनता दरबार लगाकर जिले में डीएम और मंडल में कमिश्नर जनता की समस्या को सुनें। इसी क्रम में वह लगातार जनता दरबार लगाकार जन समस्या को सुन रहे हैं। आयुक्त को विगत जनता दरबार में फरियादी हरीश चंद्र पांडेय निवासी उत्तरौडा, कपकोट ने बताया था कि वर्ष 2006 में उन्होंने अपने पुत्र गणेश चंद्र पांडेय के नाम से ग्राम जयदेवपुर हल्द्वानी में एक प्लॉट खरीदा था।
किंतु वे अपना प्लॉट चिन्हित नहीं कर पा रहे थे। अपने प्लॉट की लोकेशन और जानकारी के लिए आयुक्त से दरखास्त की। इस पर फरियादी और संबंधित पटवारी को जनसुनवाई में बुलाया गया और समस्या निस्तारित की गई। वहीं कोटाबाग निवासी रजनी सिंह पत्नी उमराव सिंह ने बताया कि उसकी 2 अक्टूबर की सुबह सीएचसी कोटाबाग में सामान्य डिलीवरी से पुत्री हुई। जन्म के समय नवजात शिशु स्वस्थ था, किंतु 3 अक्टूबर को नवजात की मौत हो गई। इस संबंध में आयुक्त ने सीडीओ को जांच के आदेश दिए। हल्द्वानी ग्राम हरिपुर कुंवरसिंह निवासी विमला ने बताया कि उनकी भूमि पर प्रधान द्वारा अवैध रूप से सिंचाई हेतु गुल बनवा दी। उन्होंने प्रधान को इस सम्बन्ध में अवगत कराया, लेकिन प्रधान द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की। उन्होंने अवैध गूल को ध्वस्त कराने का अनुरोध किया। श्री रावत ने सम्बन्धित उपजिलाधिकारी के साथ ही राजस्व की टीम को जांच कर आख्या देने के निर्देश दिये।