बोले कृषि मंत्री – मील का पत्थर साबित होगा ‘कृषि विज्ञान केन्द्र’, स्टॉल संचालकों को मिला सम्मान
पंतनगर। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को पंतनगर स्थित गांधी सभागार में आयोजित चार दिवसीय 114वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री गणेश जोशी का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार मिलेट्स का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत अभिनंदन किया किया।
इस दौरान नेपाल और गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी के बीच समझौता हस्ताक्षर भी किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ ही समारोह में लगाएं गए स्टॉल चालकों को सम्मानित किया गया। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में कृषि का अहम योगदान है। मंत्री ने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित 114वें अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के सफल आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय कृषकों की आय वृद्धि के प्रमुख घटकों पर निरन्तर शोध एवं प्रसार कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा इन शोध के परिणाम कृषकों के लिए लाभकारी होंगें। मंत्री ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा पूर्व के वर्षों की भांति इस बार भी विभिन्न फर्मों द्वारा मेले में अभूतपूर्व प्रतिभाग किया गया है।
उन्होंने कहा इस प्रदर्शनी के द्वारा उपलब्ध कराई गई हर तकनीकी जानकारी एवं कृषि निवेश इत्यादि से किसान भाई, ग्रामीण बहनें एवं युवा किसान विशेष तौर पर लाभान्वित होंगे। मंत्री ने कहा इस प्रकार के किसान मेले किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। किसान मेला एक ऐसा मंच होता है, जहाँ किसान एवं कृषि से सम्बन्धित उद्यमी एक ही स्थान पर अपनी कृषि सम्बन्धी सभी जानकारी प्राप्त करते हैं। साथ ही कृषि निवेश जैसे उन्नत बीज, कीटनाशक दवाइयाँ, कृषि यंत्र, जैविक खाद आदि का क्रय एवं अपनी खेती में इनका प्रयोग कर लाभ उठाते हैं। मंत्री ने मेले में आये हुए सभी उद्यमियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं एफ.पी.ओ. को बधाई देते हुए कहा इस मेले में बड़े परिश्रम एवं उत्साह के साथ भाग लेकर तकनीकी हस्तान्तरण में अपना अमूल्य योगदान दिया है। कि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय के दिशा-निर्देशन में विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से विकसित तकनीक का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इन केन्द्रों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रशिक्षण, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, प्रक्षेत्र परीक्षण, कृषि गोष्ठी, कृषक – वैज्ञानिक संवाद जैसे अनेक कार्यक्रमों का सम्पादन करते हैं। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के समग्र विकास में प्रसार की यह जिला स्तर इकाई ‘कृषि विज्ञान केन्द्र’ निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगा।