उत्तराखण्ड में पहली इंटरनेशनल एजुकेशन सिटी को स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से शुक्रवार को डॉ. षणमुगम महालिंगम ने राजभवन में मुलाकात की। डॉ. षणमुगम महालिंगम एक शिक्षाविद हैं जो तीन दशकों से अधिक समय तक राज्य एवं केन्द्र सरकार में विभिन्न पदों पर रहे हैं। वे कृषि मंत्रालय भारत सरकार के अधीन एमएसपी के पूर्व चेयरमैन भी रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल से उत्तराखण्ड में पहली इंटरनेशनल एजुकेशन सिटी को स्थापित करने के प्रस्ताव से संबंधित विस्तृत चर्चा की।
गौरतलब है कि इंटरनेशनल एजुकेशन सिटी के माध्यम से उच्च शिक्षा में आधुनिकीकरण और इसमें सकारात्मक परिवर्तन पर बल दिया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के सहयोग से उच्च शिक्षा में आधुनिकीकरण और नवीन शोध को मदद मिलेगी। इंटरनेशनल एजुकेशन सिटी में प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय विश्वविद्यालय कैम्पस, अंतर्राष्ट्रीय खेल एवं योगा पार्क, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म और टेलीविजन अकादमी, योगा, खेल और तकनीकी, पर्यटन, और ग्लोबल स्टूडेंट विलेज मुख्य घटक होंगे। इसमें उच्च शैक्षणिक वातावरण के साथ-साथ पाठ्यक्रम और उद्योग की आवश्यकताओं में नवाचार की खाई को भरने के लिए वातावरण भी प्रदान किया जाएगा।
इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के लिए उत्तराखण्ड में ही दुनिया के सर्वोत्तम संसाधन और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना है। इस प्रोजेक्ट की संकल्पना राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित है। राज्यपाल ने इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए इसे उत्तराखण्ड में इसके बेहतर परिणाम सामने आने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के युवाओं को शैक्षिक उन्नयन में मदद मिलेगी जो उनके क्षमता, शोध एवं अनुसंधान और शिक्षा को नए स्तर पर ले जाएगा। उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य, पर्यटन, फिल्म, योगा, खेल और तकनीकी को इससे लाभ मिलेगा और इन सभी के लिए इंटरनेशनल एजुकेशन सिटी गेम चेंजर साबित हो सकती है। राज्यपाल ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित उच्चाधिकारियों से भी वार्ता की जायेगी। इस अवसर पर लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार, भी उपस्थित रहे।