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उत्तराखंड में मनरेगा में गड़बड़झाजा उजागर, दो ग्राम विकास अधिकारी निलंबित

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 उत्तराखंड में सरकारी योजनाओं में अनियमितताओं को लेकर एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक एक्शन सामने आया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने दो ग्राम विकास अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

यह कार्रवाई विकास खंड बहादराबाद के अंतर्गत ग्राम गढ़ और आन्नेकी में कराए गए मनरेगा कार्यों की जांच के आधार पर की गई। जांच रिपोर्ट में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी रविन्द्र सैनी और प्रमोद सैनी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिन पर कार्यों में गंभीर अनियमितताओं और वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप हैं।

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मुख्य विकास अधिकारी (CDO) ने स्पष्ट किया कि जनहित से जुड़ी योजनाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसी योजनाएं गरीब और ग्रामीण लोगों की आजीविका से जुड़ी होती हैं और इसमें पारदर्शिता और ईमानदारी सर्वोपरि है।

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उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि भविष्य में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता सामने आती है, तो उनके खिलाफ भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की ओर से दोहराया गया कि मनरेगा जैसी योजनाओं में भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है। सभी संबंधित अधिकारियों को पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिला प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अन्य गांवों और विकासखंडों में भी योजनाओं की गहन जांच की जाएगी। जहां भी अनियमितताएं सामने आएंगी, वहां कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

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