वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए करें आवश्यक उपायः डीएम
नैनीताल। आगामी 15 फरवरी से 15 जून तक होने वाले वनाग्नि काल के दौरान वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम एवं उसके उपाय प्रबंधन व कार्य प्लान को लेकर शुक्रवार को जिला कार्यालय नैनीताल के सभागार में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने जिले में वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु जनपद स्तर पर की गई तैयारियां की विस्तृत रूप से जानकारी लेते हुए कहा कि गत वर्षों में जिन जिन वन क्षेत्रों में वनाग्नि की घटनाएं घटित हुई हैं उन क्षेत्रों में पूर्व से ही वनाग्नि की घटनाओं को रोके जाने हेतु आवश्यक उपाय फायर लाइन का निर्माण,कंट्रोल बर्निंग एवं मैन पावर के साथ ही क्षेत्र वासियों को जागरूक करने के निर्देश दिये। उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार को वन क्षेत्र के संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने एव वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु वृहद्व रूप से जनजागरूकता एवं जन सहभागिता के साथ ही जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में आम जन को वनाग्नि सुरक्षा हेतु जागरूक करने, सभी सरपंच पीआरडी, वन विभाग, आपदा एवं तहसीलों में तैनात कर्मचारियों अधिकारियों को विकास खण्ड स्तर पर भी कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर युवाओं व महिलाओ ,स्वयं सेवकों आदि को प्रशिक्षण देने के साथ ही ग्रामीण स्तर पर सभी वनाग्नि की रोकथाम व वनाग्नि के दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी देते हुए जागरूक करें साथ ही सम्बन्धित विभागों का व्हाट्सप ग्रुप बनाना सुनिश्चित करें ताकि त्वरित गति आपदा की सूचना मिलने पर उसका निस्तारण शीघ्र किया जा सके।
जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी को वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु सभी तहसील क्षेत्रों में सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों से समन्वय बनाते हुए पानी की गाड़ियो को तैयार रखना सुनिश्चित करें ताकि खेतों व वन क्षेत्र में वनाग्नि के दौरान आग पर समय पर काबू पाया जा सके। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। तथा इस हेतु फील्ड स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कार्मिकों के बैठक लेने के भी के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि खण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर गठित सभी वनाग्नि समितियों का गठन कर उन्हें सक्रिय किया जाय। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी सीएस जोशी ने अवगत कराया कि वनाग्नि की रोकथाम हेतु वर्तमान में जिले में फायर लाईन का निर्माण एवं सफाई के साथ ही कंट्रोल बर्निंग का कार्य किया जा रहा है। आम जन को वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम एवं उससे होने वाले नुकसान की जानकारी अग्नि सुरक्षा सप्ताह का भी आयोजन किया जाएगा। एवं वर्तमान में अग्नि प्रबंध योजना मे वन प्रभावों के अंतर्गत आठ डिवीजनो में 239 क्रू स्टेशन बनाए गए है । मैंने बताया कि आरिक्षत वन क्षेत्र 2,56,643,516 हैक्टर, संरक्षित वन क्षेत्र 800.67 है0, अवर्गीकृत तथा निहित 1.00 है0, पंचायती वन क्षेत्र 28,067.789 है0, सिविल वन 11,189,211 है0, वनपंचायतों की संख्या 495 है।बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार, कुन्दन कुमार, उपजिलाधिकारी राहुल साह, योगेश मेहरा, रेखा कोहली, लोनिवि0 अधिशासी अभियन्ता संजय कुमार पाण्डेय, प्रकाश चन्द्र उप्रेती, आपदा प्रबन्धन अधिकारी शैलेश कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी विभा दीक्षित, वनाधिकारी एसडीओ ममता चन्द्र, चन्दन लाल, तहसीलदार मोनिषा बिष्ट सहित विभिन्न विभागों के सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।