उत्तराखण्डदेहरादून

लगातार धंस रही जोशीमठ की भूमि

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दरार वाले भवनों की संख्या पहुंच गई 723  

देहरादून। बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब का गेटवे कही जाने वाली आदि शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ की भूमि लगातार धंस रही है। अब तक दरार वाले भवनों की संख्या 723 पहुंच गई है। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी। व्यापारियों और स्थानीय लोगों के साथ प्रशासन की बैठक जारी है। मुआवजे को लेकर तकरार चल रही है। इस बीच सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने कहा कि व्यापारी भरोसा रखें। पूरा प्रदेश है और सबको देखना है।

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जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भूधसाव के दृष्टिगत जारी आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन के अनुसार भू-धंसाव के कारण जोशीमठ नगर क्षेत्र में कुल 723 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 131 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 1425 क्षमता के 344 राहत शिविर के साथ ही जोशीमठ क्षेत्र से बाहर पीपलकोटी में 2205 क्षमता के 491 कक्षों/हॉलों को चिन्हित किया गया है। 53 प्रभावित परिवारों को रू 5000.00 प्रति परिवार की दर से घरेलू सामग्री हेतु धनराशि वितरित की गयी है तथा 10 तीक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों के प्रभावितों को प्रति भवन 1.30 लाख की दर से धनराशि वितरित की गई। इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाधान्न किट एवं कंबल वितरित किये गये हैं, कुल 70 खाद्यान्न किट, 70 कम्बल एवं 570 ली. दूध प्रभावितों को वितरित किया गया है तथा कुल 80 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है।

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Daleep Singh Gariya

संपादक - देवभूमि 24