उत्तराखंड में दशहरा उत्सव पर तेज हवा का कहर, रावण परिवार के पुतले धराशायी

उत्तराखंड में अंधड़ का कहर देखने को मिला है। दशहरा उत्सव के दौरान अचानक तेज हवा और बारिश के कारण रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले दहन से पहले ही धराशायी हो गए। इस अप्रत्याशित घटना से वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया और तीनों पुतले गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। अब आयोजक वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं।
दरअसल, उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में गांधी पार्क में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशाल पुतलों का निर्माण कर दशहरा समारोह की तैयारी की गई थी। हालांकि, अचानक मौसम की बेरुखी ने कार्यक्रम में बाधा डाली। तेज हवा के झोंके से पुतले जमीन पर गिर गए, जिससे कई हिस्से टूट गए। सौभाग्य से किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
पुतले बनाने वाली टीम हर साल रामपुर से आती है, और इनके निर्माण में तीन महीने से अधिक समय और करीब डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है। इस बार 65 फीट ऊंचा रावण और 60-60 फीट के मेघनाद व कुंभकरण के पुतले बनाए गए थे।
आयोजक हरीश अरोड़ा ने बताया कि पुतले क्षतिग्रस्त जरूर हुए हैं, लेकिन दर्शकों को निराश नहीं किया जाएगा। वे शाम को वैकल्पिक योजना के तहत रावण दहन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए बैठक कर रहे हैं। दर्शकों को जल्द ही आयोजन की नई रूपरेखा से अवगत कराया जाएगा।
