गायत्री साधना के लिए शांतिकुंज ने मुनस्यारी में बनाया विशेष साधना स्थल
हरिद्वार। हरिद्वार से करीब पाँच सौ किमी दूर देवात्मा हिमालय की गोद में बसा मुनस्यारी में शांतिकुंज ने गायत्री साधना के लिए एक विशेष साधना स्थल बनाया है। इस स्थान से स्वर्णिम वेला में प्रसिद्ध पंचाचुली हिमालय का दर्शन होता है। पल-पल बदलते पंचाचुली पर्वत का दृश्य साधक अनुभव करता है।
इस स्थान में जीवन को उत्कृष्ट बनाने एवं मन की शान्ति के लिए गायत्री महामंत्र का जप करना विशेष पुण्यदायक है। इसके अतिरिक्त गायत्री मंत्र का जप करने से शरीर में स्थित सभी चक्र एक्टिव हो जाते हैं। साधकों के लिए इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु करीब एक दशक पूर्व से ही शांतिकुंज के तत्त्वावधान में देश विदेश के गायत्री साधक मुनस्यारी पहुंचते हैं और लाभ उठाते हैं। शांतिकुंज की ओर से जाने वाले प्रत्येक साधकों के लिए आवास एवं भोजन की व्यवस्था निःशुल्क रहती है।
नौ दिनों की शृंखला में चलने वाले साधना शिविर में भाग लेने वाले प्रत्येक साधक मौन रहकर गायत्री महामंत्र का सामूहिक जप, अनुष्ठान करते हैं। इस वर्ष आगामी १० मार्च से प्रारंभ होने वाले साधना शिविरों की तैयारियों को जायजा लेने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या जी अपनी उच्च स्तरीय टीम के साथ मुनस्यारी पहुंचे। उन्होंने साधना स्थल, यज्ञ स्थल एवं आवासीय परिसर का निरीक्षण किया और तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया।