गोला नदी से रानीबाग तक तबाही का मंजर, केंद्र सरकार की टीम ने किया क्षेत्रीय दौरा

हल्द्वानी। भारत सरकार की अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने मानसून सत्र के दौरान जनपद नैनीताल में हुई आपदा जनित क्षति का आकलन करने के लिए जिले का दौरा किया। टीम ने सर्किट हाउस हल्द्वानी में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा से हुई क्षति की समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में सड़कों, पुलों, विद्यालय भवनों, सिंचाई व्यवस्था, पेयजल और बिजली से जुड़ी सरकारी परिसंपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों के लिए कुल ₹79,891.80 लाख (₹798.91 करोड़) की सहायता राशि की मांग की।
प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि गोला, कोसी और नंधौर नदियों में भू-कटाव की गंभीर स्थिति बनी हुई है, जिससे कई गांव और शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक क्षति लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, ग्रामीण निर्माण, पेयजल एवं शिक्षा विभागों को हुई है।
हल्द्वानी–भीमताल–अल्मोड़ा मार्ग पर रानीबाग मोटर पुल के पास पहाड़ कटान की समस्या को प्रमुख रूप से चिन्हित करते हुए इसके स्थायी समाधान की मांग की गई। बैठक के बाद केंद्रीय टीम ने गोला पुल, बलिया नाला और रानीबाग पुल का स्थलीय निरीक्षण कर क्षति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।
केंद्रीय टीम में सी.बी.आर.आई. से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डी.पी. कानूनगो, यूएलएमएमसी के निदेशक शांतनु सरकार, आईआईटी रुड़की के डॉ. रूपम एवं इंजीनियर प्रेम नेगी शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के साथ प्रभागीय वनाधिकारी कुंदन कुमार, अपर जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
