आयुक्त की समीक्षा- नैनीताल और उधमसिंह नगर में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर निर्देश
हल्द्वानी: आयुक्त दीपक रावत ने कैम्प कार्यालय में नैनीताल और उधमसिंह नगर जनपदों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जनपद नैनीताल के आठ ब्लॉकों में हल्द्वानी ब्लॉक का लिंगानुपात 1000 में से केवल 886 सबसे कम पाया गया।
इस पर आयुक्त ने सीएमओ को निर्देश दिया कि शहर के सभी निजी चिकित्सालयों की अल्ट्रासाउंड मशीनों की जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाए। इसके लिए नियमित जांच का रोस्टर भी तैयार किया जाए।
आयुक्त ने मंडल के डीएम को सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए होम गार्ड या पीआरडी जवान तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सीएमओ को भी निर्देशित किया कि जिन अस्पतालों में पूर्व से सुरक्षा गार्ड तैनात हैं, वे निर्धारित समय पर अपनी ड्यूटी पर बने रहें और इसकी निगरानी की जाए।
स्वास्थ्य कार्मिकों पर कड़ी निगरानी रखने की भी बात की गई, खासकर उन पर जो निजी चिकित्सालयों में लोगों को प्रसव कराने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कार्मिकों की पहचान कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
समीक्षा के दौरान आयुक्त ने पर्वतीय क्षेत्रों में सरकारी चिकित्सालयों पर निर्भर रहने की स्थिति को देखते हुए इन क्षेत्रों में चिकित्सक और स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित करने की बात की। सीएमओ ने ओखलकांडा चिकित्सालय में चिकित्सक की कमी की जानकारी दी, जिस पर आयुक्त ने शासन स्तर पर चिकित्सक की तैनाती के संबंध में पत्र प्रेषित करने का निर्देश दिया।
आयुक्त ने बताया कि पिछले वर्ष जनपद में मातृ मृत्यु अनुपात 1 लाख में 52 था, जिसे कम किया जा सकता है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण, नियमित जांच और टीकाकरण किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में शिशुओं के टीकाकरण का प्रतिशत कम होने की स्थिति को देखते हुए, गांवों में आशा वर्कर और एएनएम को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।
टीबी मरीजों के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत जनपद स्तरीय अधिकारियों को निक्षय मित्र बनाने का सुझाव दिया गया, ताकि मरीजों को पौष्टिक आहार मिल सके और जनपद टीबी मुक्त हो सके।
बैठक में निदेशक स्वास्थ्य डा. एनएस गुंज्याल, सीएमओ डा. एचसी पंत, सीएमओ उधमसिंह नगर डा. मनोज शर्मा, डा. एमसी तिवारी, डा. हरेंद्र, और संयुक्त निदेशक अर्थसंख्या राजेंद्र तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।