मानसून पूर्व आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा, संवेदनशील क्षेत्रों में जेसीबी तैनाती के निर्देश

नैनीताल। कुमाऊं मंडल के आयुक्त एवं मुख्यमंत्री सचिव दीपक रावत ने कमिश्नरी कार्यालय, नैनीताल से मंडल के सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक का उद्देश्य जनपद स्तर पर लंबित जमीनी विवादों के शीघ्र निस्तारण और आगामी मानसून सीजन के लिए आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करना था।
आयुक्त रावत ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने जनपदों में समय-समय पर एडीएम और एसडीएम न्यायालयों का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष या उससे अधिक समय से लंबित वादों का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित निस्तारण किया जाए। जिलाधिकारियों ने बताया कि अधिकतर पुराने वादों का समाधान कर लिया गया है और शेष प्रकरणों का निस्तारण भी शीघ्र किया जाएगा।
बैठक में आयुक्त ने मानसून के दौरान संभावित आपदाओं को ध्यान में रखते हुए पूर्व तैयारियों को मजबूत करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में अतिवृष्टि के चलते जनहानि या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है, वहां के नालों और गदेरों की समय से सफाई कर ली जाए। इसके साथ ही स्थानीय नागरिकों को सतर्क रहने हेतु जागरूक किया जाए।
आयुक्त रावत ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि ऐसे स्थानों की पहचान की जाए, जहां बरसात में मार्ग अवरुद्ध होने की घटनाएं बार-बार होती हैं। इन स्थानों पर पहले से ही जेसीबी मशीनें और उनके चालकों की तैनाती की जाए, ताकि मार्ग बंद होने की स्थिति में उसे तुरंत खोला जा सके और यातायात बाधित न हो।
बैठक के दौरान कुमाऊं आयुक्त ने जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह से कलसिया, रकसिया और देवखड़ी नालों की स्थिति की जानकारी ली। डीएम नैनीताल ने बताया कि इन तीनों नालों की सफाई और चैनलाइजेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष कार्यों के लिए आवश्यक वाहन की अनुमति प्राप्त हो गई है और उसे भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
इस वर्चुअल बैठक में कुमाऊं मंडल के सभी जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे। बैठक में मानसून पूर्व तैयारी एवं राजस्व न्यायालयों की कार्यवाही को लेकर गहन चर्चा की गई।
