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कांग्रेस बनाम सरकार: पेपर लीक मामले में राजनीति और गरमाई

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उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरण ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश के बावजूद विवाद थमता नहीं दिख रहा। युवाओं द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन ने zwar धरना तो स्थगित कर दिया है, लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना जारी रखा है। शुक्रवार को कांग्रेस ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों के साथ मुख्यमंत्री आवास घेरने का प्रयास किया।

कांग्रेस ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराने, आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया को तत्काल बर्खास्त करने और लीक हुए पेपर वाली परीक्षा को रद्द कर नई तिथि घोषित करने की मांगों के साथ देहरादून में मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च किया। पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग कर कांग्रेस के आगे बढ़ने पर रोक लगाई। प्रदर्शनकारियों ने ‘पेपर चोर गद्दी छोड़’ जैसे नारे लगाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया।

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बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर धरने पर बैठ गए। भीड़ बढ़ने पर पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह समेत कई नेताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया।

हरीश रावत ने कहा कि बेरोजगारों का धरना भले ही स्थगित हो गया हो, लेकिन जनता में पेपर लीक को लेकर गहरा आक्रोश अभी भी बना हुआ है। लोगों का मानना है कि परीक्षाओं को जानबूझकर टाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ, उसे भी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर स्थगित कर दिया।

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उन्होंने सरकार पर गंभीरता का अभाव बताते हुए कहा कि बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ रही है। हरीश रावत ने कहा, “सरकार ने इम्तिहान का ऐसा अंगूर का गुच्छा लटकाया है, जिसे कोई खा नहीं सकता।” उन्होंने बताया कि प्रदेश में बेरोजगारी और जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, इसलिए कांग्रेस को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ा है।

वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा का कहना है कि सरकार ने युवाओं की मांगों के अनुरूप कदम उठाए हैं, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा कि कांग्रेस परेशान और बौखलाई हुई है क्योंकि अब उसके पास कोई मुद्दा बचा नहीं है और न ही युवाओं को गुमराह करने का मौका।

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मनवीर चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को अपनी सरकार में हुए भर्ती घोटालों और नौकरियों की खरीद-फरोख्त के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को ‘प्रायश्चित यात्रा’ निकालनी चाहिए, धरना प्रदर्शन नहीं।” चौहान ने यह भी कहा कि कांग्रेस केवल 2027 चुनाव की तैयारी में लगी है और प्रदेश के अन्य मुद्दों में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है।

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