अब थानेदार बनने से पहले देना होगा ‘चरित्र प्रमाणपत्र’! उत्तराखंड पुलिस में नया नियम

उत्तराखंड में थानाध्यक्ष के नशे में धुत होकर कार से वाहनों को टक्कर मारने के बाद पुलिस महकमा अलर्ट हो गया है। घटना के बाद पुलिस विभाग में अलर्ट जारी कर दिया गया है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
1 अक्टूबर की रात राजधानी दून के राजपुर थानाध्यक्ष शैंकी कुमार ने नशे की हालत में कार चलाते हुए कई वाहनों को टक्कर मार दी, जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें मौके से भागने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया और इस दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने तुरंत कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष शैंकी कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया और उनके खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
घटना के बाद कालसी थानाध्यक्ष दीपक धारीवाल को राजपुर थाने का नया प्रभारी नियुक्त किया गया है।
मामले के तूल पकड़ने के बाद आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी थाना और कोतवाली प्रभारियों की कार्यशैली और व्यवहार की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि अब से किसी भी SHO, SO या CO की नियुक्ति उनकी रिपोर्ट और व्यवहार के आधार पर ही की जाएगी।
घटना के तुरंत बाद एसएसपी कार्यालय में SHO और CO स्तर के अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई गई, जहां आईजी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि भविष्य में कोई भी लापरवाही या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आईजी राजीव स्वरूप ने यह भी बताया कि थाना और कोतवाली स्तर के अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि यदि कोई अधिकारी फोन नहीं उठाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
