उत्तराखण्डनैनीताल

उत्तराखंड में यूजी के बाद अब पीजी में भी लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति

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नैनीताल। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह  रावत ने उच्च शिक्षा विभाग यूजीसी मानव संसाधन विकास केन्द्र कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय नैक प्रत्यायन प्रशिक्षण कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। श्री रावत व विधायक श्रीमती सरिता आर्या, कुमाऊँ विश्विद्यालय कुलपति एनके जोशी, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो0 जगदीश प्रसाद, कुलपति विश्वविद्यालय सोबन सिंह जीना प्रो0 जगत सिंह बिष्ट, मुक्त विश्वविद्यालय कुलपति प्रो0 ओपीएस नेगी ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित करते हुए कार्यशाला का शुभारम्भ किया। 

श्री रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करते हुए पिछले वर्ष यूजी से प्रारम्भ की गई थी। अब पीजी से लागू करने जा रहे हैं। प्रत्येक डिग्री कॉलेज को नैक की पढ़ाई से शतप्रतिशत जोड़ा जायेगा। जो कि देश का पहला राज्य होगा। सभी कॉलेजों में फैकल्टी से लेकर ई-ग्रंथलायों के लिए बीस लाख पुस्तकें दी जा रही है। जिससे आने वाली भावी पीढ़ी उच्च शिक्षा को प्राप्त कर सके। यह उत्तराखण्ड पहला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का पहला राज्य होगा जहॉ पर प्रत्येक छात्र डीजी लॉकर के माध्यम से अपने मोबाइल से अपनी डिग्री प्राप्त कर सकता है जिससे बच्चों को कॉलेज के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।   उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रही है।  मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक प्रदेश है इसलिए यहॉ पर विश्वविद्यालयों में एक प्रवेश होगा एक परीक्षा, एक परिणाम, एक दीक्षांत, एक चुनाव लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में रिक्त पड़े पदों को शतप्रतिशत पद भरे जायेंगे साथ ही बैगलॉक के रिक्त पदों को भी शीघ्र भरा जायेगा। श्री रावत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा धन एवं शिक्षकों की कमी नहीं होने देगी।

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उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्राचार्याें को विशेष प्रयास करना होगा ताकि नई पीढ़ी को कॉलेजों में आने के लिए प्रेरित किया जा सके। जिसके लिए प्रत्येक उच्च विद्यालयों में पॉच मार्च से पहले ई-ग्रंथालय पुस्तकालयों से जोड़ते हुए शतप्रतिशत पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें । उन्होंने कहा कि यदि किसी विश्वविद्यालय स्तर से कार्यों में लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राचार्यों को विश्वविद्यालयों में खेल गतिविधियों में जोर देने, विद्यालयों में स्वच्छता बनाने हेतु, टीम गठित करने के साथ ही गॉव को शतप्रतिशत साक्षार बनाने के लिए गॉव को गोद लेने , प्रदेश को ड्रग्स मुक्त करने के लिए टीम गठित करने के निर्देश दिये। उन्होनंे कहा कि भारत को टीबी मुक्त बनाना है इसके लिए प्रत्येक प्राचार्य एक टीबी मरीज व्यक्ति को गोद लें ताकि टीबी मुक्त भारत का सपना साकार हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में ग्रीन कैम्पस बनाना सुनिश्चित करें जिसके लिए प्रत्येक विद्यार्थी एक-एक पेड़ लगाये। श्री रावत ने कहा कि जिन विद्यालयों में शिक्षा से सम्बन्धित उपकरणों एवं फर्नीचर की आवश्यकता है वे तत्काल अवगत कराना सुनिश्चित करें ताकि उन्हें शीघ्र धनराशि आवंटित की जा सके। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालयों के निमार्णधीन कार्यों एवं भूमि से सम्बन्धित जानकारी लेते हुए कहा कि जहॉ पर कार्य लम्बित है। वे शीघ्र अपने स्तर से पूर्ण करें, यदि किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही है तो उससे शासन को अवगत कराना सुनिश्चित करें। यदि किसी के द्वारा लापरवाही बरती गई तो सम्बन्धित प्राचार्य के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।  इस अवसर पर अपर सचिव उच्च शिक्षा प्रशान्त आर्या, नैक प्रतिनिधि नीलेश पाण्डे, नैक के विषेज्ञ श्याम सिंह, प्रो इन्दू पाठक, कुलपति दिनेश चन्द्र, मुख्य शिक्षा अधिकारी कुंवर सिंह रावत के साथ ही प्राधानाचार्य, डारेक्टर, नैक के कॉडीनेटर, नोडल अधिकारी के साथ अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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Daleep Singh Gariya

संपादक - देवभूमि 24