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कॉर्बेट और राजाजी में फिर गूंजेगी सैलानियों की रौनक — वन्यजीवों से नज़दीकी मुलाकात का मौका

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उत्तराखंड के वाइल्डलाइफ प्रेमियों के लिए खुशखबरी है — प्रदेश के दोनों प्रमुख टाइगर रिजर्व राजाजी और कॉर्बेट 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए पूरी तरह खोल दिए जाएंगे। मानसून सीजन में बंद रहने के बाद अब फिर से जंगल सफारी, नाइट स्टे और प्रकृति के बीच रोमांच का आनंद लेने का मौका मिलने जा रहा है।

राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला, मोतीचूर, मोहान और रानीपुर जोन 15 नवंबर से सैलानियों के लिए खुलेंगे। मानसून के दौरान यहां आवाजाही बंद रहती है ताकि वन्यजीवों को प्राकृतिक माहौल मिल सके। अब इन जोनों में सुबह और शाम की सफारी शुरू होगी, जिसकी ऑनलाइन बुकिंग पर्यटक पहले से कर सकते हैं।

वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी 15 नवंबर से ढिकाला, दुर्गा देवी, सोना नदी और वतनवसा जोन डे और नाइट सफारी के लिए खोल दिए जाएंगे। बिजरानी जोन पहले ही 15 अक्टूबर से खुल चुका है, जबकि ढेला, गर्जिया और झिरना जोन पूरे साल खुले रहते हैं। पर्यटक कॉर्बेट की बुकिंग आधिकारिक वेबसाइट www.corbettonline.uk.gov.in पर कर सकते हैं, जहां से वाहन, गाइड और रेस्ट हाउस की बुकिंग एक साथ की जा सकती है।

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दोनों रिजर्व में बुकिंग प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। राजाजी में सफारी शुल्क करीब ₹2000 से ₹3000 तक, जबकि कॉर्बेट में ₹3000 से ₹5000 तक है। विदेशी पर्यटकों के लिए यह शुल्क थोड़ा अधिक रहता है। एक वाहन में अधिकतम छह पर्यटक सफारी का आनंद ले सकते हैं।

राजाजी टाइगर रिजर्व तक पहुंचने के लिए देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश मुख्य मार्ग हैं। वहीं कॉर्बेट रिजर्व का मुख्य द्वार रामनगर (नैनीताल) में स्थित है, जहां दिल्ली, देहरादून और लखनऊ से नियमित ट्रेनें और बसें उपलब्ध हैं।

इन रिजर्वों में पर्यटक टाइगर, तेंदुआ, हाथी, भालू, सांभर, हिरण, जंगली सूअर और सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी देख सकते हैं। कॉर्बेट के ढिकाला जोन में बाघ और हाथियों के झुंड देखने की संभावना सबसे अधिक रहती है, जबकि राजाजी में गंगा किनारे की हरियाली और दुर्लभ पक्षी पर्यटकों को खास आकर्षित करते हैं।

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रात में ठहरने के लिए दोनों रिजर्वों में वन विभाग के रेस्ट हाउस और निजी रिसॉर्ट की व्यवस्था है। कॉर्बेट के ढिकाला जोन में रेस्ट हाउस की दरें ₹4000 से ₹7000 प्रति रात तक, जबकि राजाजी के चीला और मोहान जोन के पास ₹1500 से ₹3000 तक हैं। रेस्ट हाउस और ईको-हट्स के पास कैंटीन और छोटे रेस्टोरेंट भी उपलब्ध हैं।

वन विभाग ने पर्यटकों से सफारी के दौरान सभी नियमों का पालन करने की अपील की है। सफारी के दौरान वाहन से उतरना, तेज़ आवाज़ में संगीत बजाना या जानवरों को खाना खिलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।

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15 नवंबर से खुलने वाले इन दोनों टाइगर रिजर्वों में बुकिंग पहले ही तेज़ी से शुरू हो चुकी है। नवंबर से जून तक का समय वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। पहाड़ों की गोद में बसे ये जंगल अब एक बार फिर पर्यटकों को प्रकृति, रोमांच और वन्यजीवों की अद्भुत दुनिया से रूबरू कराने को तैयार हैं।

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