शांत वादियों में गूंजे दंगों की यादें, अब सुधार की उम्मीदः अब नए एसएसपी के हाथों नैनीताल की कमान

उत्तराखंड शासन ने पीसीएस अधिकारियों के साथ कई जिलों के एसएसपी स्तर पर भी तबादले किए हैं। इसी क्रम में नैनीताल जिले के एसएसपी पीएन मीणा का नाम भी सूची में शामिल है। उनका कार्यकाल नैनीताल में लगातार विवादों से घिरा रहा, जिसके चलते वह अक्सर सुर्खियों में बने रहे। अब उन्हें सतर्कता अधिष्ठान में एसपी के पद पर नियुक्त किया गया है।
पीएन मीणा के कार्यकाल में बनभूलपुरा कांड, जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण, और कई अन्य मामलों ने न केवल जिले बल्कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। फरवरी 2024 में हुए बनभूलपुरा दंगे ने हल्द्वानी को राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया था। इस हिंसा में कई लोगों की जान गई और हालात काबू में लाने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी। कर्फ्यू लगने के बाद ही स्थिति सामान्य हो पाई थी। बाद में पुलिस की विवेचना पर भी सवाल उठे।
इसी वर्ष मई में मासूम बच्ची से दुष्कर्म और अगस्त में काठगोदाम में बच्चे की हत्या जैसे जघन्य अपराधों ने जिले का माहौल तनावपूर्ण बना दिया। इन मामलों के खुलासे में देरी से पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी आलोचना हुई। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान सदस्यों के अपहरण की घटना ने मामला विधानसभा से लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचा दिया, जहां कोर्ट ने एसएसपी को कानून-व्यवस्था बिगड़ने पर फटकार लगाई थी।
अब नैनीताल जिले की जिम्मेदारी 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी मंजूनाथ टीसी को सौंपी गई है। मंजूनाथ इससे पहले अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर के एसएसपी रह चुके हैं तथा अभिसूचना मुख्यालय में एसपी के पद पर तैनात थे। वह अपनी सादगी और संतुलित कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं।
नए एसएसपी के सामने प्रमुख चुनौतियां:
शहर की बिगड़ती यातायात व्यवस्था और लगातार बढ़ते जाम पर नियंत्रण
हिट एंड रन की घटनाओं में कमी लाना
स्मैक और चरस की तस्करी पर रोक लगाना
चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाना
नैनीताल की कानून-व्यवस्था को मजबूत करना और जनता का विश्वास बहाल करना अब एसएसपी मंजूनाथ टीसी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।








