भू-माफियाओं का तांडव, पेड़ों पर आरी चलाई और वनकर्मियों को धमकाया

उत्तराखंड में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां भू-माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई और वन कर्मियों से अभद्रता की घटना प्रकाश में आई है। इस मामले में अब पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है, जबकि वन विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है।
मसूरी की वादियों में स्थित दुधली गांव इन दिनों विवादों में घिरा हुआ है। स्थानीय ग्राम सभा और वनाधिकार समिति ने आरोप लगाया है कि बाहरी लोगों द्वारा वन भूमि पर कब्जा कर पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है, जो कि वनाधिकार कानून 2006 और पर्यावरण संरक्षण नियमों का उल्लंघन है।
ग्रामीणों के अनुसार, अगस्त 2025 में करीब आठ पेड़ काटे गए, जबकि इस अवैध कब्जे और कटाई की शिकायतें सितंबर 2025 में कई बार वन विभाग और उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को दी गईं। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और अब जब नुकसान हो चुका है, तो विभाग सक्रिय हुआ है।
प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) अमित कुंवर ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा: “हमें जानकारी मिली कि मसूरी के एक स्थानीय व्यक्ति ने दुधली क्षेत्र में भूमि खरीदकर बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई की। जब हमारी टीम मौके पर पहुंची तो उनके साथ अभद्रता की गई। हमने इस पर संज्ञान लेते हुए वन अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है और आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।”
वनाधिकार समिति दुधली के सदस्यों जबर सिंह वर्मा, बनवारी लाल और बीरबल सिंह चौहान ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है: “यह पूरी कार्रवाई ग्राम सभा और वनाधिकार समिति की अनुमति के बिना की गई है, जो फॉरेस्ट राइट्स एक्ट 2006 के खिलाफ है। हमने राष्ट्रपति को भी पत्र भेजे, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। कई बार शिकायत करने के बावजूद अधिकारी मौके पर नहीं आए।”
ग्रामीणों ने मांग की है कि वन भूमि पर किया गया अवैध कब्जा तुरंत हटाया जाए, पेड़ काटने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ग्राम सभा और वनाधिकार समिति की अनुमति के बिना कोई भी वन भूमि उपयोग न किया जाए।
