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इस दूरस्थ इलाके में अपराध के ग्राफ में इजाफा, रोकथाम में पुलिस-प्रशासन नाकाम, अब जनप्रतिनिधियों ने उठाया यह कदम

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मुनस्यारी। हिमनगरी मुनस्यारी में संगीन अपराधों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसे रोकने में नाकाम पुलिस-प्रशासन के खिलाफ अब पंचायत प्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इसकी मुख्य वजह नशे की प्रवृत्ति बताई है। इसकी रोकथाम के लिए पुलिस-प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। साथ ही उन्होंने समाज को आइना दिखाने का प्रयास भी किया। कहा कि हर अपराध की जननी नशा है, जिसे रोकने के पुलिस के साथ समाज को भी आगे आना होगा।

शांतिप्रिय इस क्षेत्र में लगातार अपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसे रोकने में पुलिस अभी तक नाकाम सिद्ध हुई है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक को ईमेल से पत्र भेजकर लचर कानून व्यवस्था का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यहां थाने में सृजित पदों के सापेक्ष पुलिस कर्मियों तथा अधिकारियों की तैनाती नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी इस थाने में महिला पुलिस उप निरीक्षक की तैनाती नहीं की गई है।

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जिले के पुलिस अफसरों की उदासीनता के कारण यहां कभी भी इस थाने में पुलिस का स्टाफ पर्याप्त नहीं रहा। उन्होंने कहा कि हर साल नैनीताल तथा मसूरी की तर्ज पर पर्यटन पुलिस की मांग की जाती है, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि यहां चीता पुलिस के पास बाइक तक नहीं है। वाहन के नाम पर एक खटारा जींप है। उन्होंने कहा कि जिले के पुलिस अफसरों की इन गंभीर लापरवाहियों के कारण यहां लूटपाट तथा हत्या जैसी गंभीर घटनाएं हो रही है।

उन्होंने कहा कि बाजार में सामान्य दुकानों तथा होटलों में पुलिस और आबकारी विभाग की शह पर शराब तथा चरस अवैध रूप से बिक रही है। अपराधिक घटनाओं के लिए उपजे अबोध बच्चों के चाकू गैंग को कुछ नेताओं का वरदहस्त हैं, जो उन्हें पुलिस थाने से बचाते हुए छुड़ा कर लाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस तरह के नेताओं के नाम सार्वजनिक कर बताना चाहिए कि अपराध का संरक्षण कौन कर रहा है। उन्होंने कहा कि चाकू गैंग के बच्चों को चिन्हित कर उनका गोपनीयता के साथ काउंसिलिंग कर उन्हें सभ्यता के मार्ग पर पुलिस द्वारा ले जाना चाहिए।

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जिपंस जगत मर्तोलिया ने कहा कि क्षेत्र में शराब, चरस सहित अन्य नशों का बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं साहित्यिक समाज को सभी प्रकार के आयोजनों को नशामुक्त रखने के लिए आगे आना पड़ेगा। उन्होंने कहा अवैध रूप से चल रहे पुल हाऊसों को तत्काल प्रभाव से बंद करना चाहिए। इन जगहों पर बच्चों को नशा के आदी और आपराधिक बनाने की कथित पाठशाला जैसी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। मर्तोलिया ने कहा कि 72 घंटों के भीतर पुलिस ने शराब सहित समस्त नशे पर प्रहार नहीं किया तो उन्हें पुलिस के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को किसी के भी दबाव में कार्य नहीं करना चाहिए। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयास तेज करना चाहिए।

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Daleep Singh Gariya

संपादक - देवभूमि 24