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आउटसोर्स प्रयोगशाला कर्मचारियों के नियमितीकरण पर हाईकोर्ट का सख्त निर्देश

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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के महाविद्यालयों में वर्षों से कार्यरत प्रयोगशाला सहायक कर्मचारियों के मामले में राज्य सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने कहा है कि कुंदन सिंह व अन्य बनाम राज्य सरकार मामले में अंतिम निर्णय होने तक कुंदन सिंह सहित अन्य कर्मचारियों को हटाया नहीं जाएगा। इस मामले में अंतिम निर्णय राज्य सरकार का होगा।

यह मामला कैलाश कार्की समेत अन्य प्रयोगशाला सहायकों द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वे 10 से 15 वर्षों से प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत हैं, हालांकि वे आउटसोर्स उपनल के माध्यम से नियुक्त हैं। वर्तमान में राज्य सरकार इन पदों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरने की योजना बना रही है। याचिकाकर्ता नियमितीकरण की मांग कर प्राथमिकता देने की अपील कर रहे हैं।

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इससे पहले उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने कुंदन सिंह व अन्य बनाम राज्य सरकार मामले में आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए नियमावली बनाने और वरिष्ठता के आधार पर खाली पदों को भरने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक राज्य सरकार ने इन आदेशों का पालन नहीं किया है।

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इसके विपरीत, सरकार ने इन पदों को भरने के लिए नई विज्ञप्ति जारी कर दी है। इस कदम के खिलाफ कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। महाधिवक्ता की ओर से बताया गया है कि यह मामला अभी कैबिनेट के समक्ष विचाराधीन है और उसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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