देहरादून l घंटाघर के पास कांप्लेक्स में 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचने वाले गिरोह के सरगना को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने अपने साथी के साथ मिलकर फर्जी ट्रस्ट बनाया था। उसका साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। गिरोह में और भी सदस्य हो सकते हैं। पुलिस और एसटीएफ उनकी तलाश में जुटी है।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि दो फरवरी को एमडीडीए कांप्लेक्स में चल रहे इस धंधे का कोतवाली पुलिस ने भंडाफोड़ किया था। यहां एक ऑफिस में छापा मारकर राजकिशोर राय को गिरफ्तार किया गया था।
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला था कि उसने ये मार्कशीट देहरादून और स्थानीय लोगों को नहीं बांटी है। इन्हें बिहार और आसपास के राज्यों के निवासियों को बेचा जाता था। एसटीएफ और पुलिस इस तथ्य की भी जांच कर रही है।
जांच में पता चला कि आरोपियों ने एनसीआरई नाम से ट्रस्ट खोला था। ये लोग केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन बताते थे। इसी के जरिये 10वीं और 12वीं की मार्कशीट बनाकर आठ से 10 हजार में बेचते थे। शुरुआती जांच में पता चला था कि सैकड़ों लोगों को ऐसी मार्कशीट बनाकर बेची गई है।
इस मुकदमे की विवेचना एस टी एफ कर रही है। इसी क्रम में पता चला कि राजकिशोर राय का एक और साथी सहेंद्र पाल इस गिरोह का सरगना है। रविवार को सहेंद्र पाल निवासी खतौली को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह राजकिशोर राय को बीते आठ साल से जानता है। राजकिशोर ने ही उसे फर्जी मार्कशीट बनाने की योजना बताई थी। इसके लिए उन्होंने फर्जी ट्रस्ट खोल कर। इसमे खुद पदाधिकारी बन राजकिशोर के साथ मिलकर फर्जी मार्कशीट छापता था।बताया जाता है कि इन फर्जी मार्कशीटों के जरिये कई लोग नौकरियां भी कर रहे हैं।