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कॉर्बेट क्षेत्र में समुदाय आधारित संरक्षण प्रयासों में शिक्षकों की भूमिका पर चर्चा

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नैनीताल। पर्यावरण क्षेत्र में शिक्षा के माध्यम से बदलाव लाने के लिए प्रयासरत संस्था “नेचर साइंस इनिशिएटिव ” के द्वारा दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर, कैम्प स्पैरो, ज्योलीकोट में आयोजित किया गया।

इस कैम्प में कुमाऊं क्षेत्र के 5 स्कूलों और 3 संगठनों सहित 20 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिनमें नानकमत्ता पब्लिक स्कूल, लिटिल स्कॉलर्स- काशीपुर, जीआईसी ढेला, सीएसएसएस लालकुआं, जीके कॉन्वेंट, हैपी चिल्ड्रेन्स लाइब्रेरी, है जालो  समिति, ग्रीनलाइफ कंसर्वेंसी शामिल थे। इन्हें एनएसआई के डॉ. सौम्य प्रसाद, डॉ. रमन कुमार, मिसेस रिद्धिमा करवा, राजेश भट्ट और मुकेश कांडपाल द्वारा मार्गदर्शन दिया गया।

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  प्रतिभागियों को  “नेचर विद्या” और “विप्रो अर्थियन” जैसे प्राकृतिक और पर्यावरणीय शिक्षा कार्यक्रमों को विद्यालयों में लागू करने का तरीका सिखाया गया। उन्होंने बायोडाइवर्सिटी शिक्षा, प्लास्टिक साक्षरता, नागरिक विज्ञान, कचरा और जल प्रबंधन के लिए मॉड्यूलों की भी जांच की।  पंकज भल्ला ने अपनी जल संरक्षण कार्यक्रम – सस्टेनेबल एक्वा को साथी प्रतिभागियों के साथ साझा किया।

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जीआईसी ढेला के  नवेंदु  मठपाल ने कॉर्बेट क्षेत्र में समुदाय आधारित संरक्षण प्रयासों में शिक्षकों की भूमिका पर चर्चा की। प्रतिभागियों को प्राकृतिक सैर पर ले जाया गया, उन्हें बच्चों को कक्षा से बाहर ले जाने और उनके आसपासी वातावरण से जोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल नीलेश द्वारा प्रतिभागियों को बर्ड वाचिंग भी करवाई गई।इस मौके पर सरिता नेगी,उर्मिला,पारस बोरा, एस एस कोरंगा,विक्की लटवाल, डी एस नेगी आदि मौजूद रहे।

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Daleep Singh Gariya

संपादक - देवभूमि 24