चम्पावत का कोलीढ़ेक पर्यटन हब के रूप में होगा विकसितः आयुक्त
उत्तराखंड के चम्पावत जिले को आदर्श पर्यटन के हब के रूप में विकसित किया जायेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस सम्बन्ध में लगातार समीक्षा की जा रही है। कोलीढेक झील विकसित होने से पर्यटकों को कश्मीर जैसा अहसास उत्तराखण्ड के चम्पावत में मिलेगा।
मंगलवार को कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में जनपद चम्पावत के लोहाघाट कोलीढेक झील एवं टी गार्डन को पयर्टन के लिए विकसित करने हेतु प्रेजेंटेशन के माध्यम से कार्यदायी संस्था द्वारा प्रस्तुति दी गई। चम्पावत जनपद के लोहाघाट में सिचाई विभाग द्वारा निर्मित कोलीढेक झील जिसकी लम्बाई 1500 मीटर, चौडाई 80 मीटर तथा झील की गहराई 21 मीटर है।
आयुक्त ने बताया कि इस झील में वोटिंग, पार्किंग, कैफेटेरिया, ओपन थियेटर,एरोमैटिक प्लांट, फारेस्ट टेल,शौचालय, पर्यटकों के ठहरने के लिए झील के किनारे कार्टेज बनाये जायेंगे। इसके लिए लगभग 25 करोड की डीपीआर तैयार हो चुकी है जल्द ही योजना पर कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
उन्होने कहा पर्यटको को कश्मीर जैसा अहसास, कोलीढेक झील में मिलेगा साथ चम्पावत में टी-गार्डन के लिए 19 करोड के डीपीआर भी तैयार हो गई है। टी-गार्डन को आधुनिक कर पर्यटन के लिए विकास किया जायेगा ताकि लोग अधिक से अधिक आकर टी-गार्डन का दीदार कर सकें।
उन्होंने कहा झील के पास स्थानीय उत्पादों की ब्रिकी हेतु स्टॉल/क्योस्क की व्यवस्था की जायेगी जिससे लोगों को उत्तराखण्ड के उत्पादों की जानकारी होगी और स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी भी मजबूत होगी। उन्होने कहा जनपद चम्पावत में पर्यटन का विकास होने से लोगों को रोजगार मिलेगा और स्थानीय लोगों की आर्थिकी मे भी इजाफा होगा।