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बजट 2024- 4.1 करोड़ युवाओं के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा

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मोदी सरकार 3.0 ने अपने पहले बजट में युवाओं और रोजगार पर पूरा फोकस किया है। सरकार पर लगातार रोजगार को लेकर सवाल उठते रहे हैं, ऐसे में बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़ा एलान किए हैं।

 सीतारमण ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार शानदार वृद्धि हो रही है। भारत की मुद्रास्फीति स्थिर है, जो 4% के लक्ष्य की ओर है। गरीब, युवा, महिला, किसान जैसे प्रमुख वर्गों पर सरकार का पूरा फोकस है। रोजगार, कौशल, MSME, मिडिल क्लास पर लागातर ध्यान दिया जा रहा है।

सरकार ने रोजगार और कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी 5 योजनाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि इस बार सरकार का फोकस रोजगार पैदा करने पर है। इन स्कीम से देश के 20 लाख युवाओं को रोजगार के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा रोजगार देने पर सरकार इंसेंटिव देगी। रोजगार देने पर सरकार इंसेंटिव की 3 स्कीम लाई जाएंगी। PM योजना के तहत 3 चरणों में इंसेंटिव दिया जाएगा। सराकर इंडस्ट्री के साथ मिलकर वर्किंग हॉस्टल भी बनाएगी।

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पहली नौकरी पाने वाले जिन लोगों की सैलरी 1 लाख रुपए से कम होगी उन्हें EPFO में पहली बार रजिस्टर करने पर 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में दी जाएगी। इसके साथ, जिन्हें सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए लोन मिलेगा। लोन का 3% तक पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई-वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल 1 लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे।

बजट में युवाओं और रोजगार से जुड़ी प्रमुख बातें

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रमों को संरेखित किया जाएगा। इसी तरह नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

जो युवा किसी मौजूदा योजना से लाभान्वित नहीं हुए हैं, उन्हें घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा। मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा ताकि सरकार द्वारा प्रमोटेड फंड से गारंटी के साथ 7.5 लाख रुपए तक के ऋण की सुविधा दी जा सके। इससे हर साल 25,000 छात्रों को मदद मिलेगी।

फरवरी 2024 में अंतरिम बजट आवंटन कुल सकल घरेलू उत्पाद का केवल 4.6% था, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सकल घरेलू उत्पाद के 6% की सिफारिश से कम है। इस बीच, स्कूली शिक्षा और साक्षरता के लिए आवंटन को संशोधित अनुमानों से मामूली रूप से बढ़ाकर अंतरिम बजट में रिकॉर्ड 73,000 करोड़ रुपए कर दिया गया।

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सरकारी स्कूलों को आधुनिक स्कूलों में बदलने की पहल के चलते PM SHRI के लिए प्रावधान वित्त वर्ष 2024 के संशोधित अनुमानों से दोगुना से अधिक बढ़ाकर वित्त वर्ष 2025 में 6,050 करोड़ रुपए कर दिया गया।

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