करोड़ों में बेची बंधक ज़मीन, खरीदार से जालसाज़ी, दो गिरफ्तार

उत्तराखंड में ज़मीन से जुड़ी एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। राजधानी देहरादून में फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक में पहले से बंधक रखी गई भूमि को बेचने के आरोप में कोतवाली नगर पुलिस ने एक बाप-बेटे को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने करीब ₹1 करोड़ 26 लाख 50 हजार की ठगी को अंजाम दिया।
कोतवाली नगर पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
विष्णु विहार, विकासनगर निवासी वर्णित अग्रवाल ने कोतवाली नगर में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि वह अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए ज़मीन की तलाश कर रहे थे। इस दौरान उनके परिचित विजय सिंह परमार ने उन्हें कुआंवाला क्षेत्र में ज़मीन दिखाने की बात कही और मुलाकात करवाई अमरीश कुमार ओबेरॉय, उनके बेटे प्रणव ओबेरॉय और एक अन्य व्यक्ति श्रवण ओबेरॉय से।
तीनों ने खुद को जमीन का मालिक बताया और एक फर्द (जमीन का दस्तावेज) पेश करते हुए दावा किया कि भूमि न तो किसी विवाद में है और न ही उस पर कोई बैंक लोन है। विश्वास दिलाने के बाद पीड़ित से ₹1.26 करोड़ में सौदा तय कर रकम प्राप्त की और जमीन की रजिस्ट्री भी करवा दी गई।
रजिस्ट्री के बाद जब पीड़ित ने जमीन के दाखिल-खारिज (mutation) के लिए आवेदन किया, तो उन्हें पता चला कि उक्त भूमि पहले से ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास बंधक है। बाद में जांच में यह भी सामने आया कि जो दस्तावेज उन्हें सौंपे गए थे, वे फर्जी थे और पूरी डील पूर्व-नियोजित साजिश का हिस्सा थी।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने अमरीश ओबेरॉय, प्रणव ओबेरॉय और श्रवण ओबेरॉय के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया।
कोतवाली नगर प्रभारी प्रदीप पंत के अनुसार, अमरीश ओबेरॉय और प्रणव ओबेरॉय को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, तीसरे आरोपी श्रवण ओबेरॉय की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
