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UKSSSC पेपर लीक: छात्रों की लड़ाई रंग लाई, CBI जांच की घोषणा

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को यह घोषणा परेड ग्राउंड धरना स्थल पर आंदोलनरत युवाओं से मुलाकात के दौरान की।

21 सितंबर को हुई इस परीक्षा में पेपर शुरू होने के 35 मिनट बाद ही हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र के बहादुरपुर जट गांव के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। इस घटना से राज्यभर में हड़कंप मच गया और युवाओं ने निष्पक्ष जांच व दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया था।

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पेपर लीक की जांच में खालिद मलिक का नाम सामने आया है, जिसने पेपर को असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन (राजकीय महाविद्यालय, अगरौड़ा, टिहरी) को भेजा था। खालिद की बहन साबिया की भी इसमें संलिप्तता पाई गई है। दोनों को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है।

इसके अलावा, परीक्षा से जुड़ी लापरवाही के चलते कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। प्रोफेसर सुमन और सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को निलंबित किया गया है, वहीं हरिद्वार पुलिस के एसआई रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी को ड्यूटी में लापरवाही के कारण सस्पेंड किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने युवाओं को आश्वस्त किया कि CBI जांच के साथ-साथ पहले से चल रही SIT जांच भी जारी रहेगी, जिसकी निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश यूसी ध्यानी करेंगे।

सरकार की इस कार्रवाई को युवाओं की मांगों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी।

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