भोले-भाले ग्रामीणों के नाम पर चल रहा था सिम कारोबार, आरोपी गिरफ्तार

उत्तराखंड में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्जी सिम कार्ड बिक्री का गोरखधंधा तेजी से पैर पसार रहा है। कुमाऊं मंडल के सीमांत पिथौरागढ़ गंगोलीहाट और बेरीनाग थाना क्षेत्रों में पुलिस द्वारा की गई दो अलग-अलग छापेमारियों में सैकड़ों एक्टिव सिम कार्ड, मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की गई है।
गंगोलीहाट थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ग्राम हॉटलेख स्थित एक मकान में अवैध रूप से सिम कार्ड बेचे जा रहे हैं। कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद्र जोशी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तत्काल दबिश दी, जहां से राजेंद्र प्रसाद (पुत्र शंकर राम), निवासी देवलथल, थाना थल को गिरफ्तार किया गया। वह वर्तमान में हॉटलेख में किराए पर रह रहा था।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी भोले-भाले ग्रामीणों से एक सिम कार्ड के नाम पर कई सिम एक्टिवेट करवाता था, जिन्हें बाद में ऊंचे दामों पर बेच देता था। इन सिम कार्डों का इस्तेमाल साइबर ठगी जैसे अपराधों में किया जा सकता था।🔍 बरामद सामग्री में शामिल हैं:
✅ 282 एक्टिव सिम कार्ड
✅ 109 शील्ड सिम कार्ड
✅ 15 सिम स्लॉट
✅ 4 मोबाइल फोन
✅ 8 आधार कार्ड
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 61(2), 3(5) तथा टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 की धारा 42 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। मामले में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच भी की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि समय रहते कार्रवाई न होती तो इन सिम कार्डों का दुरुपयोग विभिन्न साइबर अपराधों में किया जा सकता था। सीमावर्ती जिलों में इस तरह के अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां स्थानीय लोगों की अज्ञानता और नेपाल से आने वाले मजदूरों की जरूरतों का फायदा उठाकर फर्जी सिम बेचे जा रहे हैं।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अपनी पहचान से जुड़े दस्तावेजों का इस्तेमाल सतर्कता से करें और सिम कार्ड एक्टिवेशन के समय पूरी जानकारी रखें।
