राजनीतिक घमासान के बीच नैनीताल पंचायत चुनाव रद्द, होगी दोबारा वोटिंग

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद को लेकर चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच बड़ा फैसला सामने आया है। गुरुवार को दिनभर चले सियासी ड्रामे और पांच बीडीसी सदस्यों के रहस्यमय ढंग से लापता होने के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अब इन पदों के लिए दोबारा मतदान कराया जाएगा।
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने हालात की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट से पुनः चुनाव की सिफारिश की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम, एसएसपी और एएसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तलब किया और चुनाव से पहले सदस्यों के लापता होने पर गहरी चिंता जताई।
भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर अपहरण, धमकी और मारपीट के आरोप लगा रहे हैं। भाजपा की प्रत्याशी दीपा दर्मवाल ने कांग्रेस नेताओं पर अपने समर्थकों को गायब कराने का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने पुलिस की मिलीभगत से अपने बीडीसी सदस्यों के अपहरण का दावा किया है।
हाईकोर्ट ने लापता सदस्यों की जल्द तलाश, शेष सदस्यों को सुरक्षा के साथ मतदान केंद्र तक पहुंचाने और मतदान समय दो घंटे बढ़ाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने पूरी रिपोर्ट शाम 4:30 बजे तक पेश करने का आदेश भी दिया।
राजनीतिक तनाव के चलते जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और कई मार्गों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अब चुनाव हाईकोर्ट की निगरानी में नई तिथि पर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से कराए जाएंगे।
