दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: ताइक्वांडो निदेशक और टीएफआई के अधिकार बहाल
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय खेलों के ताइक्वांडो प्रतियोगिता निदेशक (डीओसी) टी प्रवीण कुमार को हटाने के फैसले को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में कोई ठोस सबूत नहीं पाए गए हैं।
31 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों की तकनीकी आचरण समिति (जीटीसीसी) ने कुमार और अन्य अधिकारियों को उनके खिलाफ लगे आरोपों के बाद हटा दिया था। आरोप था कि इन अधिकारियों ने प्रतियोगिता के परिणामों को प्रभावित करने के लिए रिश्वत मांगी थी, हालांकि इस पर अदालत ने कहा कि ये आरोप बिना किसी ठोस सामग्री के हैं।
साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि डीओसी को हटाने के लिए कोई ठोस कारण नहीं दिया गया है, क्योंकि वह प्रतियोगिता के परिणामों में कोई भूमिका नहीं निभाते थे। इसके अलावा, 31 जनवरी की शिकायत में 2012 तक के कुछ आरोपों का उल्लेख किया गया, जो कि पुराने थे और उनका प्रभावी असर नहीं था।
यह मामला तब सामने आया था जब प्रतियोगिता में हेराफेरी की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय रोकथाम समिति (पीएमसीसी) बनाई गई थी, जिसने कुमार को हटाने की सिफारिश की थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने उस सिफारिश को अस्वीकार कर दिया और कुमार को बहाल रखने का आदेश दिया।
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