फर्जी ट्रेडिंग कंपनी और वेबसाइट के नाम से फर्जी आईडी बना की लाखों की ठगी, गिरफ्तार
देहरादून। फर्जी ट्रेडिंग कंपनी व वेबसाइट बनाकर ट्रांजिट कैंप निवासी व्यक्ति से 14 लाख समेत देश के कई लोगों से लाखों की ठगी करने वाले साइबर ठग को साइबर थाना पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। साइबर थाना पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन, चार बैंकों के डेबिट कार्ड और कई सिम कार्ड भी बरामद किए। बाद में पुलिस ने उसके खिलाफ आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि 11 फरवरी, 2023 को ट्रांजिट कैंप निवासी समीर सैन से साइबर ठगों ने फर्जी ट्रेडिंग कंपनी और वेबसाइट के नाम से बनी दो फर्जी जीमेल अकाउंट और फर्जी आईडी के मोबाइल नंबरों के माध्यम से संपर्क किया। इस दौरान साइबर ठग ने समीर सैन से गेन्स मोर ब्रोकिंग कंपनी में मुनाफा कमाने का लालच दिया। साथ ही एंगल ब्रोकिंग एप पर डीमैट अकाउंट खुलवाकर ट्रेडिंग चालू करवाया।
साइबर चोर ने बाद में एप्लिकेशन को ठीक ढंग से कार्य नहीं करने का बहाने बनाते हुए खुद की कंपनी में ही पीड़ित का डीमैट अकाउंट खुलवा दिया। इस कार्य के लिए साइबर ठगों ने पीड़ित समीर सैन से कंपनी के सर्विस चार्ज, जीएसटी व अलग अलग नामों से 14 लाख से अधिक की धनराशि हड़प ली। धोखाधड़ी का पता चलने पर समीर सैन ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि मामले के पर्दाफाश के लिए सीओ एसटीएफ सुमित पांडेय और थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी की अगुवाई में टीम गठित की गई थी।
जांच के दौरान टीम ने फर्जी वेबसाइट, जीमेल अकाउंट और मोबाइल नंबरों के बारे में संबंधित कंपनियों से पत्राचार कर आईडी की डिटेल हासिल किए। इस दौरान पता चला कि जीमेल अकाउंट व मोबाइल नंबर इंदौर, मध्य प्रदेश से संचालित हो रहे हैं। यही नहीं समीर सैन को जिस नंबर से कॉल किया गया तो वह भी फर्जी आईडी में लेने की पुष्टि हुई। इसके बाद बैंक खाते की जांच की गई तो पता भी दिल्ली-एनसीआर का मिला। इस पर पुलिस साइबर थाना पुलिस टीम दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और इंदौर के लिए रवाना की गई। जहां पुलिस टीम को काफी साक्ष्य मिले और आरोपित की पहचान भगीरथपुरा, थाना बाणगंगा इंदौर मध्य प्रदेश निवासी विजय चावला पुत्र मोहन चावला के रूप में हुई।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी की पहचान होने पर साइबर थाना और एसटीएफ पुलिस टीम ने कई जगह उसको पकड़ने के लिए छापेमारी की लेकिन वह हाथ नहीं आया। शुक्रवार शाम को आरोपी की लोकेशन हरिद्वार में मिली। इस पर साइबर थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी, एसआई दिनेश पंत, एएसआई सत्येंद्र गंगोला, कांस्टेबल मनोज कुमार, मोहम्मद उस्मान और रियाज अख्तर हरिद्वार पहुंच गए और उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद साइबर थाना पुलिस को उसके पास से तीन मोबाइल फोन, चार अलग अलग बैंकों के डेबिट कार्ड और कई सिम कार्ड बरामद हुए।
बाद में साइबर थाना पुलिस ने आरोपित विजय चावला पर मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। साइबर थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी ने कहा कि साइबर ठग विजय चावला ने उन्हें बताया कि डेढ़ साल पहले तक वह कॉल सेंटर में काम करता था। बाद में उसने नौकरी छोड़ दी और नोएडा के सेक्टर 135 में खुद का कॉल सेंटर खोला। वहां उसने अपने साथियों के साथ मिलकर ‘गेन्स मोर ब्रोकिंग डॉट कॉम’ के जरिये मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर एंगल ब्रोकिंग ऐप में डीमेट एकाउंट बनाकर ट्रेडिंग शुरू कराई।
इसके बाद वह लोगों को एप्लीकेशन के सही काम न करने की बात कहकर अपनी कंपनी में नया डीमैट अकाउंट खुलवाता था। साथ ही कंपनी के सर्विस चार्ज, जीएसटी समेत अन्य नामों से धोखाधड़ी कर रकम ठगता था। इन कामों के लिए वह फर्जी आइडी के मोबाइल नंबर, फर्जी जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल करता था। यही नहीं वे लोग कंपनी के अधिकारी बनकर पीड़ितों को ईमेल, व्हाटसएप व फोन कॉल के जरिए व्यापार में मुनाफा होने का झांसा देकर धनराशि जमा करवाते थे। लोगों से ठगी गई धनराशि निकालने के लिए भी फर्जी आईडी के बैंक खातों का प्रयोग किया जाता था।