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बीकेटीसी फिर कर रही चार धाम यात्रा के साथ मनमानी : गरिमा दसौनी

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देहरादून। उत्तराखंड में शुरू होने वाली चार धाम यात्रा को लेकर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का तुगलकी फरमान चर्चा का विषय बन गया है। चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड की बाध्यता होगी और पंडा पुरोहित समाज के द्वारा चंदा या दान दक्षिणा लेने पर बीकेटीसी के द्वारा रोक लगाई गई है। जिस पर उत्तराखंड की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

दसौनी ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार को और खास करके बीकेटीसी के चेयरमैन अजेंद अजय को चार धामों में इस तरह की तानाशाही ही करनी थी तो फिर देवस्थानम बोर्ड क्या बुरा था ? त्रिवेंद्र सरकार में लागू देवस्थानम बोर्ड को भंग करके विधानसभा चुनावों में वोटों की उगाही के लिए जनता के सामने अच्छा बनने का नाटक क्यों किया गया? दसौनी ने कहा कि यह समझ से परे है कि भारतीय जनता पार्टी और खास करके अजेंद्र अजय कौन से अजंडे के तहत लगातार हमारे पौराणिक धरोहर संस्कृति और सभ्यता के साथ छेड़छाड़ करने पर तुले हुए है? दसोनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में लगातार देखा जा रहा है कि पंडा पुरोहितों का उत्पीड़न और शोषण किया जा रहा है। आखिर दान दक्षिणा लेने पर रोक लगाने का क्या औचित्य है? आखिर क्यों भारतीय जनता पार्टी की सरकारें इस महंगाई के दौर में भी पंडा पुरोहित समाज के पेट पर लात मारना चाहती है ? दसौनी ने कहा कि कुछ अलग करने की होड़ में लगातार भारतीय जनता पाटी ऐन चुनावों से पहले धार्मिक मुद्दों को छेड़ कर समाज में तुष्टिकरण करने के मकसद से ही इस तरह के आदेश जारी करती आई है।

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दसौनी ने कहा की न चार धाम और न यात्रा भाजपा के एकाधिकार में है। वह राज्य की धरोहर हैं हमारी पहचान है और भाजपा के हाथों की कठपुतली नहीं जिसके साथ उल्टे सीधे प्रयोग किए जाएं। दसौनी ने कहा की साफ समझ में आ रहा है की अजेंद्र अजय को ही बीकेटीसी की बागडोर क्यों सौंपी गई है, इसलिए क्योंकि उन्हें धार्मिक मुद्दों पर विवाद उत्पन्न करने की महारत हासिल है। दसौनी ने अपेक्षा की कि सूबे के मुख्यमंत्री पूरे प्रकरण का संज्ञान लेकर जनहित में इस तरह के मनमाने आदेशों पर रोक लगाएंगे। दसौनी ने कहा के यह भी राज्य के लिए चिंता का विषय है की जोशीमठ मुआवजे में भी बड़ी धांधली होने की खबरें निकलकर आ रही है। सरकारी कर्मचारी और अधिकारी अपनी मर्जी चला रहे हैं। जिसका घर दो मंजिला है उसे कागजो में पांच मंजिला बंगला दिखाकर ज्यादा मुआवजा और जिसका पहले से ही मल्टी स्टोरिड है उसको कम दिखा कर कमीशन खोरी की बिसात बिछाई जा रही है। दसौनी ने कहा की स्थिति बहुत गंभीर है और जिम्मेदार लोगों को चाहिए कि वह ग्राउंड जीरो पर जाकर वस्तु स्थिति का जायजा लें ताकि किसी के साथ पक्षपात या भेदभाव न हो।

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Daleep Singh Gariya

संपादक - देवभूमि 24