आयुर्वेद सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि संतुलित जीवन की कुंजीः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नैनीताल के भुजियाघाट स्थित काया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन PGICON-2025 का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन पाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, हल्द्वानी द्वारा WHO कोलेबोरेटिंग सेंटर फॉर इमरजेंसी एंड ट्रॉमा केयर, JPNATC, और एम्स नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने आयुर्वेद को केवल चिकित्सा पद्धति नहीं बल्कि निरोगी और संतुलित जीवन का दर्शन बताते हुए कहा कि उत्तराखंड को Global Centre of Ayurveda and Wellness के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार कार्यरत है। उन्होंने राज्य में वेलनेस टूरिज़्म और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेदिक कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और योग ग्रामों को सशक्त बनाने की योजनाओं का उल्लेख किया।
धामी ने Spiritual Economic Zone की स्थापना की घोषणा भी की, जिसमें गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल में योग, आयुर्वेद, ध्यान, आध्यात्मिक पर्यटन और पारंपरिक चिकित्सा से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। उनका कहना था कि यह पहल राज्य को आध्यात्मिक और वेलनेस अर्थव्यवस्था के मॉडल के रूप में विकसित करेगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करेगी।
सांसद अजय भट्ट ने कहा कि केंद्र सरकार की पहल से आयुर्वेद और आयुष क्षेत्र विश्व स्तर पर लोकप्रिय हो रहा है, जबकि कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने इसे भारतीय जीवन पद्धति और ज्ञान परंपरा का अभिन्न हिस्सा बताया।
कार्यक्रम में अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें जिलाध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, विधायक नैनीताल सरिता आर्या, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर, दर्जा राज्य मंत्री शंकर कोरंगा, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत, आईजी कुमाऊँ रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टी.सी. और पाल ग्रुप के प्रतिनिधि शामिल थे।








