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48 स्टोन क्रशर बंद, गंगा बचाने हाईकोर्ट ने कसी कमर

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 उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार के रायवाला से भोगपुर तक गंगा नदी के किनारे हो रहे अवैध खनन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अवैध खनन रोकने के लिए जारी किए गए पूर्व आदेशों का पालन न किए जाने पर नाराजगी जताई। 

कोर्ट ने हरिद्वार में संचालित 48 स्टोन क्रशरों को तत्काल बंद करने और उनकी बिजली-पानी की आपूर्ति काटने के आदेश जिला अधिकारी और एसएसपी हरिद्वार को दिए हैं। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।

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जनहित याचिका में बताया गया है कि रायवाला से भोगपुर तक गंगा नदी के किनारे नियमों की अवहेलना करते हुए अवैध खनन जारी है, जिससे गंगा नदी का अस्तित्व खतरे में है। याचिकाकर्ता ने बताया कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने खनन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन राज्य सरकार द्वारा इसे नजरअंदाज कर अवैध खनन जारी रखा जा रहा है, जिससे गंगा संरक्षण के प्रयास प्रभावित हो रहे हैं।

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इसके अलावा, हाईकोर्ट ने लक्सर हरिद्वार के सूर्या स्टोन क्रशर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाए गए 23 लाख रुपये के जुर्माने को अस्थायी रूप से रोक दिया है। कोर्ट ने बोर्ड को पुनः जांच करने का निर्देश दिया है और यदि नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो जुर्माना लगाया जा सकेगा। इस मामले में याचिका को निस्तारित कर दिया गया है।

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