अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पी पी ने अल्मोड़ा जेल में ली दीक्षा, बना योगी प्रकाशनाथ।
जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह अंडरवर्ड डॉन छोटा राजन का साथी पीपी अब सन्यास पथ पर निकल गया है। उसने अपने जीवन में दर्जनों कॉट्रेक्ट किलिंग सहित तमाम पाप किए थे। कई नेताओं की हत्या, फिरौती सहित तमाम आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद वह देश छोड़कर फरार हो गया था। साल 2010 में मुंबई क्राइम ब्रांच ने उसे वियतनाम से गिरफ्तार किया था। उसके बाद उसे उत्तराखंड की अलग-अलग जेलों में रखा गया। इस वक्त में वह अल्मोड़ा कारागार में बंद है। बताया जा रहा है कि इसी बीच पीपी ने जेल में धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही सन्यास ग्रहण कर लिया है।
दाऊद को शूट करने करने की भी ली थी जिम्मेदारी।
मुंबई सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद अंडरवर्ड डॉन दाउद इब्राहिम पाकिस्तान भाग गया था। इस पर उसके विरोधी गैंग के मुखिया छोटा राजन, बंटी पांडे, विक्की मल्होत्रा और पुनीत तानाशाह ने दाउद को मारने की प्लानिंग की। दाउद को उड़ाकर छोटा राजन मुंबई पर राज करना चाहता था। छोटा राजन गिरोह ने दाउद को पाकिस्तान में घुसकर मारने का जिम्मा पीपी को सौंपा था। पीपी एक शार्प शूटर हुआ करता था। पीपी दाउद को मारने कराची भी पहुंच गया था। ऐन मौके पर दाउद बच निकला था।
नाथ संप्रदाय से ली दीक्षा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने फोन पर हुई बात में दावा किया कि 28 मार्च को हर्षण योग युक्त अमृत वेला में जिला जेल अल्मोड़ा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीपी की संन्यास दीक्षा संपन्न हुई। दीक्षा लेने के बाद उसे योगी प्रकाशनाथ नाम दिया गया। सारे अनुष्ठान जेल प्रशासन की निगरानी में हुए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डीआइजी जेल दधिराम मौर्य ने कहा है कि जेल के अंदर पूजा अनुष्ठान हो सकता है। पीपी भले ही संन्यासी बन गया हो, लेकिन उसे जेल से बाहर पूजा की कोई अनुमति नहीं दी गई है। वह जेल में ही रहेगा।