उत्तराखण्डहल्द्वानी

किच्छा सहकारी चीनी मिल के जिम्मेदारों की लापरवाही पड़ सकती है भारी

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गन्ना ढूलान में उपयोग की जा रही हैं गैर ब्यवसायिक ट्रैक्टर-ट्रालियां

लालकुआं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीकों से बिना परमिट और फिटनेस के दर्जनों  गन्ने से बेतरतीब लदी ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रालियां फर्राटा भर रही हैं किंतु जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं । नियमानुसार जिन ट्रैक्टर व ट्रालियों को खेतीबाड़ी  के लिए सब्सिडी पर किसान खरीदता है। उनका अधिकतर दुरुपयोग हो रहा है। चीनी मिल प्रबंधन की लापरवाही के चलते कामर्शियल कराए बिना गन्ना सेंटरों से मिल तक गन्ना ले जाने में इनका प्रयोग हो रहा है।

अक्सर चौराहों व बाजारों में सुबह से देर रात के समय काफी तादाद में ट्रैक्टर-ट्रालियां ओवरलोड गन्ने  ढोकर इधर-उधर दौड़ती नजर आती हैं जो पूरी तरह गैर कानूनी है। किसान केवल ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग खेतीबाड़ी संबंधी कार्यो के लिए कर सकता है। किंतु सहकारी चीनी मिल प्रबंधन नियमों को ताक पर रखकर  व्यावसायिक कार्य गैर व्यावसायिक वाहनों से करा रहा है। चीनी मिल प्रबंधन की हीलाहवाली के चलते मिल के ठेकेदार चंद पैसों के लालच में यातायात नियमों को ताक पर रख सरकार के राजस्व के साथ ही लोगों की जिंदगी तक से खिलवाड़ कर रहे हैं जो पूरी तरह गैर कानूनी है।

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इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि चीनी मिल प्रबंधन ट्रैक्टर-ट्रालियों को अवैध तरीके से बिना परमिट और फिटनेस के सड़कों पर दौड़कर हादसों को न्योता दे रहा हैं। गन्ना ढूलान में लगी ट्रैक्टर ट्रॉलीयां बिना परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराए ही चल रही हैं इनके लिए राजमार्ग में नो एंट्री को कोई मतलब नहीं है ट्रैक्टर ट्रॉली हाइवे में कभी भी किसी भी समय देखी जा सकती है भले ही सड़क पर जाम लग जाए किसी को दिक्कत हो इससे न ट्रैक्टर चालक को मतलब है और ना ही यातायात विभाग को हालाकि किसी भी व्यवसाय के लिए उपयोग में आने वाले वाहनों को परमिट लेने की जरूरत होती हैं।

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परिवहन विभाग में ट्रैक्टर-ट्राली से ब्यवसाय करने की दिशा में इन्हे व्यवसायिक किए जाने का प्रावधान है विशेष कर सरकारी महकमों को भी निर्देश है की वह अपने इस्तेमाल में लिए जाने वाली टैक्टर ट्रालियों को कामर्शियल कराए गए प्रपत्रों के आधार पर ही उपयोग में लेंगे किंतु लगता है सरकार के दिशा निर्देश किच्छा सहकारी चीनी मिल प्रबंधन के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं।इस संबंध में अधिशाषी निदेशक ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता के साथ की जाती है प्रयोग में लाए जाने वाले वाहनों के प्रपत्रों की गहनता से पड़ताल करने के उपरांत ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण की जाती है गैर कामर्शियल वाहनों से यदि कार्य लिया जा रहा है तो वह जांच कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएंगे। 

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Daleep Singh Gariya

संपादक - देवभूमि 24