तीज, त्यौहार, पर्वों में एकरूपता लाने के लिए किया गया “पर्व निर्णय सभा” का गठन, डा. जगदीश चंद्र भट्ट बने अध्यक्ष।
हल्द्वानी वर्तमान में प्रायः देखने में आता है कि हिंदू पर्वों, त्योहारों को मनाने के संबंध में अनेकानेक पंचांगों के अनुसार ज्योतिषियों में मतभेद दिखाई देते हैं कि फलां पर्व किस दिन मनाया जाय। जिस प्रकार आज रक्षा सूत्र बंधन को लेकर भ्रम फैला हुआ है। भ्रम की स्थिति पैदा न हो इस उद्देश्य को लेकर श्री तारा प्रसाद दिव्य पंचांग के संपादक आचार्य डा. रमेश चंद्र जोशी, उत्तराखंड के प्रसिद्ध ज्योतिर्विद डा. भुवन चन्द्र त्रिपाठी पर्व निर्णय सभा के अध्यक्ष डा. जगदीश चंद्र भट्ट जी, डा. गोपाल दत्त त्रिपाठी, डा. नवीन जोशी सहित कई विद्वानों ने पर्व निर्णय सभा का गठन करने का निर्णय लिया।
इस सभा ने सर्वसम्मत निर्णय लिया है कि सभी पञ्चांग आगामी पर्वों के लिए एक ही दिन सुनिश्चित करें ताकि समाज में भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हो सकेऔर पर्वों की एकरूपता भी बनी रहे। सभा अध्यक्ष डा. जगदीश भट्ट जी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि विगत वर्षों से कई देश व प्रदेश के सभी विद्वानों से विचार विमर्श के उपरांत ही यह निर्णय लिया गया है। यह सभा तारा प्रसाद दिव्य पञ्चांग के निर्णय को ही मानेगी।
आने वाले रक्षा बंधन पर्व के संबंध में भी सभी विद्वानों की शास्त्र सम्मत चर्चा के अनुसार 30 अगस्त को सायंकाल भद्रा समाप्ति के बाद श्रावणी उपाकर्म का विधान रक्षा सूत्र/यज्ञोपवीत की प्रतिष्ठा करना पूर्णतया शास्त्र सम्मत है। परंतु उत्तराखंड के परिप्रेक्ष में रात्रि को रक्षाबंधन/यज्ञोपवीत धारण करने की परंपरा न होने के कारण यह पर्व दिनांक 31अगस्त को ही मनाया जाएगा। इस संबंध में सभा ने अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, गढ़वाल, देहरादून आदि के सभी विद्वानों से व्यक्तिगत संवाद कर यह निर्णय लिया गया है।