उत्तराखण्डक्राइमदेहरादून

तिहाड़ से चला रहा था ठगी का साम्राज्य – ₹2.67 करोड़ की साइबर ठगी में बड़ा खुलासा

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए एक ऐसे साइबर अपराधी की पहचान की है, जो जेल के भीतर रहते हुए भी करोड़ों की अंतरराष्ट्रीय ठगी रैकेट का हिस्सा बना रहा। आरोपी मनदीप सरकार, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल, दिल्ली में निरुद्ध है, ने फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरेंसी स्कीम्स के माध्यम से ₹2.67 करोड़ की धोखाधड़ी को अंजाम दिया।

अभियुक्त ने पीड़ितों को पहले “FINANCIAL GAME W1” और “EG-Junior Group V1” जैसे व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ा, जहां उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर अधिक लाभ का लालच दिया गया। इसी झांसे में आकर एक देहरादून निवासी पीड़ित से कुल ₹2.67 करोड़ की ठगी की गई।

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी में सड़क बनी और अगले ही दिन जेसीबी से खोदी, जिलाधिकारी सख्त

जांच में पता चला कि मनदीप खुद को “VIYAKA एक्सचेंज” वेबसाइट का कर्मचारी बताकर फर्जी निवेश योजनाओं के लिंक भेजता था। पीड़ित को मुनाफे का झांसा देकर विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए गए।

तकनीकी साक्ष्य जुटाने के लिए साइबर टीम ने बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, व्हाट्सएप ग्रुपों और संबंधित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से डेटा एकत्र कर विश्लेषण किया। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ ही महीनों में आरोपी के खातों में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। इसके अतिरिक्त, आरोपी के खिलाफ अन्य राज्यों में भी साइबर अपराधों से जुड़ी एफआईआर दर्ज हैं।

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी तहसील निरीक्षण: सुपरवाइजर के घर मिले अभिलेख, मंडलायुक्त ने अपनाया सख्त रुख

मनदीप सरकार, पुत्र पुलिन बिहारी, निवासी बाबनपुर, जिला 24 परगना, पश्चिम बंगाल, पहले से ही थाना स्पेशल सेल दिल्ली में FIR संख्या 275/2024, धारा 420/120B के तहत गिरफ्तार होकर तिहाड़ जेल में बंद था।

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक  दीपम सेठ के मार्गदर्शन में, एसटीएफ की टीम लगातार साइबर अपराधों के विरुद्ध अभियान चला रही है। इस मामले की निगरानी ADG लॉ एंड ऑर्डर/साइबर डॉ. वी. मुरुगेसन और IG डॉ. नीलेश आनंद भरने द्वारा की जा रही है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी ऑनलाइन निवेश, संदिग्ध लिंक, अंजान कॉल या फर्जी ऑफर्स के झांसे में न आएं। संदेह होने पर तुरंत साइबर थाना या 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

यह भी पढ़ें -  प्रसव के दौरान महिला की मौत पर अस्पताल में हंगामा, नवजात की हालत गंभीर

टीम में शामिल अधिकारी:

निरीक्षक:  देवेंद्र नवियाल

अपर उप निरीक्षक:  मुकेश चंद्र

हे०का०:  दिनेश पालीवाल

का०:  नितिन रमोला

का०:  अभिषेक

What’s your Reaction?
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
Join WhatsApp Group