विश्वविद्यालयों और प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित स्किल कोर्स होंगे सूचीबद्ध
हल्द्वानी। उत्तराखंड के पांचों राज्य विश्वविद्यालयों और प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित स्किल कोर्सों को एक साथ सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को विभिन्न कोर्सों का विकल्प मिलेगा। जिसमें से विद्यार्थी एक कौशलपरक विषय का चयन करेंगे। यह निर्णय राज्य विश्वविद्यालयों की बैठक में लिया गया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर राज्य विश्वविद्यालयों की बैठक शनिवार को उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति एवं एनईपी ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन प्रो. एनके जोशी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में कुमाऊं विश्वविद्यालय, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, एसएसजे विश्वविद्यालय, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय और दून विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य विषय व्यावसायिक और कौशलपरक कोर्सों पर केंद्रित रहा। स्नातक स्तर पर स्किल कोर्सों को लेकर मंथन किया गया।
जिसमें निर्णय लिया गया कि पांचों राज्य विश्वविद्यालयों और प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित स्किल कोर्सों को एक साथ सूचीबद्ध किया जाएगा। विद्यार्थियों को विभिन्न कोर्सों का विकल्प मिलेगा, जिसमें से विद्यार्थी एक कौशलपरक विषय का चयन करेंगे। स्नातक स्तर में प्रथम से छठे सेमेस्टर तक एक ही स्किल कोर्स को डिजाइन किए गए अध्यायों के अनुसार पढ़ेंगे। जिस विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कोर्स वह चुनेंगे उसकी अध्ययन सामग्री और प्रशिक्षण की व्यवस्था भी संबंधित विश्वविद्यालय की ओर से ही कराई जाएगी।
साथ ही सेमेस्टर अनुसार परीक्षा भी कोर्स प्रदान करने वाला विश्वविद्यालय ही कराएगा। परीक्षा कराने के उपरांत अंक एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में डाल दिए जाएंगे। जहां से विद्यार्थी के रिकार्ड में अंक दर्ज हो जाएंगे। बताया गया कि एक ही स्किल कोर्स में प्रथम से लेकर छठे सेमेस्टर तक पढ़ाई कराने का उद्देश्य विद्यार्थियों को एक विधा में पारंगत बनाना है। ताकि वे भविष्य में अपने कौशल के आधार पर आगे बढ़ सके। बैठक में मंथन को शासन स्तर रखने के उपरांत नीति को अंतिम रूप मिलेगा। बैठक में एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट, प्रो. संजय पंत, प्रो. पीडी पंत, प्रो. संजय, प्रो. वाईके शर्मा, डॉ. जितेन्द्र पांडे आदि मौजूद रहे।