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 अंतर्राष्ट्रीय नैनोटेक्नोलॉजी सम्मेलन में वैज्ञानिकों ने किए शोध साझा

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नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय में 22 मार्च तक आयोजित हो रहे तीसरी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “ऊर्जा, कार्यात्मक सामग्री/अणु और नैनोटेक्नोलॉजी” का उद्घाटन शानदार तरीके से हुआ। यह सम्मेलन कुमाऊं विश्वविद्यालय के नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलॉजी केंद्र एवं रसायन विज्ञान विभाग और कोरिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के रैम्प कन्वर्जेंस रिसर्च सेंटर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर डी. पी. सिंह, पूर्व अध्यक्ष यूजीसी, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राकेश भटनागर, पूर्व कुलपति, और कुलपति प्रोफेसर दिवान एस. रावत और प्रोफेसर वान कुक चोई (कोरिया) ने किया। सम्मेलन के दौरान अतिथियों ने पुष्प गुच्छ और शॉल पहनाकर स्वागत किया तथा प्रतीक चिन्ह भेंट किए।

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सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्वलन, कुलगीत और राष्ट्रगान से की गई। इस आयोजन ने वैज्ञानिक और अकादमिक जगत के प्रतिष्ठित विद्वानों, शोधकर्ताओं और छात्रों को एक मंच पर लाकर विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में नए संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान किया।

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सम्मेलन के अवसर पर “सारांश बुक” का विमोचन किया गया, जिसमें सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाने वाले अनुसंधान पत्रों और प्रमुख विषयों का सारांश शामिल था। यह पुस्तक वैज्ञानिक समुदाय को नई खोजों और शोध प्रवृत्तियों से अवगत कराने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिवान एस. रावत ने अपने भाषण में बताया कि किस तरह एक अणु की खोज ने पार्किंसन जैसी असाध्य बीमारी के इलाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।

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