मालन पुल से फिर जुड़ा कोटद्वार-हरिद्वार रास्ता, लिफ्ट-शिफ्ट तकनीक से हुआ पुनर्निर्माण

उत्तराखंड के कोटद्वार भाबर क्षेत्र के लोगों के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा। करीब दो वर्षों से बाधित यातायात व्यवस्था को बहाल करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बहुप्रतीक्षित मालन पुल का उद्घाटन किया। पुल के संचालन में आते ही भाबर, हरिद्वार और लालढांग समेत आस-पास के क्षेत्रों के यात्रियों और वाहनों की आवाजाही फिर से सुचारू हो गई है।
लोकार्पण से पूर्व सोमवार सुबह पुल पर विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने रिबन काटकर पुल को आम जनता के लिए खोल दिया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शामिल होना था, लेकिन वे अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके। उन्होंने समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।
गौरतलब है कि 13 जुलाई 2023 को आई बाढ़ और भूकटाव के चलते यह पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद शुरू हुए पुनर्निर्माण कार्य को ₹26.75 करोड़ की लागत से पूरा किया गया है।
नई संरचना में 12 पिलरों को वेल (कुंआ) तकनीक से बनाया गया है, ताकि नदी के बहाव और संभावित आपदाओं से पुल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह तकनीकी सिफारिश आईआईटी बीएचयू के विशेषज्ञों द्वारा दी गई थी।
पुल में कुल 13 स्लैब हैं। बाढ़ के दौरान एक स्लैब नदी में गिर गया था, जिसे नए सिरे से निर्माण कर जोड़ा गया।
बाकी 12 स्लैबों को ‘लिफ्ट एंड शिफ्ट’ तकनीक से हटाकर सुरक्षित रखा गया और फिर उन्हें नई पिलर संरचना पर पुनर्स्थापित किया गया।
प्रत्येक स्लैब की लंबाई 25 मीटर, चौड़ाई 7 मीटर और वजन लगभग 800 टन है। इन्हें दिल्ली मेट्रो निर्माण तकनीक की तर्ज पर पुनः स्थापित किया गया।
पुल के चालू होते ही कोटद्वार भाबर क्षेत्र सहित हरिद्वार, लालढांग और आसपास के इलाकों में यात्री व मालवाहक वाहनों की आवाजाही बहाल हो गई है।
यह पुल स्थानीय सामाजिक, आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों को गति देगा, साथ ही आपातकालीन सेवाओं की आसान उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा।
