बारिश के चलते पूरी नहीं हो पाई रेलवे भूमि की पैमाइश, मंगलवार को भी होगा काम
हल्द्वानी। बनभूलपुरा में रेलवे अतिक्रमण मामले में भूमि की दोबारा पैमाइश जारी है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले राजस्व, नगर निगम, वन विभाग और रेलवे की संयुक्त टीम ने क्षेत्र का जायजा लिया। साथ ही टीम को लोगों ने दस्तावेज उपलब्ध कराए।
दरअसल नौ नवंबर 2016 को हाई कोर्ट ने गौलापार हल्द्वानी के रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 सप्ताह के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी हैं, उनको रेलवे पीपीएक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुनवाई करें। सुनवाई में किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नहीं पाए गए। सुनवाई के दौरान पूर्व में कब्जेदारों की तरफ से कहा गया था कि उनका पक्ष रेलवे ने नहीं सुना था। इस मामले में एक नवम्बर 2022 को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा। जबकि 20 दिसम्बर को कोर्ट ने अपने फैसले में रेलवे की इस 29 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए। इसके बाद रेलवे ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करते हुए ध्वस्तीकरण की तैयारी शुरू कर दी। इस बीच यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में 7 फरवरी को इस मामले में रेलवे और राज्य सरकार को अपना पक्ष रखना है। इसके मद्देनजर बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि का दोबारा सीमांकन किया जा रहा है।
इस मामले में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देश पर राजस्व, नगर निगम, वन विभाग और रेलवे की संयुक्त टीम का सर्वे आज दूसरे दिन भी जारी रहा। यह टीम हजरत चिराग अली शाह बाबा की दरगाह और गौला रोखड़ स्थित स्लाटर हाउस को लैंड मार्क मानकर सर्वे कर रही है। टीम ने इन्द्रानगर ठोकर बड़ी लाइन में राजस्व विभाग की भूमि को चिन्हित कर निशान लगाया। साथ ही लाइन नंबर 17 में भी सर्वे किया गया। सर्वे में अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, उपजिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र सिंह धौनी, कोतवाल हरेंद्र चौधरी समेत संबंधित अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि शुऐब अहमद, अब्दुल मतीन सिद्दीकी, शराफत खान आदि मौजूद रहे।