स्वरोजगार अपनाने के क्षेत्र में सशक्त उदाहरण पेश कर रहा आदर्श ग्राम डुंगरी
देहरादून। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल व उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमन्त्री भगत सिंह कोश्यारी आज कनालीछीना भम्रण के दौरान ‘आदर्श ग्राम डुंगरी’ पहुंचे।
ग्राम डुंगरी के ग्रामीणों द्वारा 160 से अधिक मछली तालाब बनाए गए हैं और अधिकांश ग्रामीणों द्वारा सेव, चाय बागान और कीवी की खेती जा रही है, जो कि स्वरोजगार के क्षेत्र में किया जा रहे अत्यंत सराहनीय कार्य हैं। ग्रामीणों द्वारा भगत सिह कोश्यारी को बताया कि तालाबो में सिल्वर, कार्प, ग्रास आदि मछलियां की बड़ी खपत है और इनकी बिक्री स्थानीय स्तर पर की जाती है।
इस दौरान भगत सिह कोश्यारी ने ग्रामवासियों के साथ चौपाल लगाकर उनकी समस्याओं को भी जाना। पहाड़ों में पलायन को रोक स्वरोजगार अपनाने के क्षेत्र में ‘आदर्श ग्राम डुंगरी’ एक सशक्त उदाहरण पेश कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की प्राप्ति गांवों के आत्मनिर्भर बनने से पूर्ण हो सकती है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य प्राप्ति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सभी समर्पित डुंगरी ग्रामवासियों को बधाई भी दी।