लूट-झूठ-फूट की राजनीति के खिलाफ भाकपा माले का जन अभियान
हल्द्वानी। उत्तराखंड में भाकपा माले ने “लूट-झूठ-फूट की राजनीति को ध्वस्त करो, भाजपा हटाओ” के नारे के साथ 25 अक्तूबर से एक माह का राज्यव्यापी जन अभियान शुरू किया। अभियान की शुरुआत नैनीताल जिले में वरिष्ठ माले नेता बहादुर सिंह जंगी ने पार्टी कार्यालय, दीपक बोस भवन, कार रोड और बिंदुखत्ता में फोल्डर जारी कर की। इसके बाद कार रोड में एक जुलूस निकाला गया और चौराहे पर नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया, साथ ही बाजार में परचे बांटे गए।
बहादुर सिंह जंगी ने सभा में कहा कि भाजपा सरकार का उद्देश्य जनता को धार्मिक आधार पर विभाजित करना और नफरत फैलाना है, जिससे बड़े पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार, पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, राज्य को संसाधनों की लूट और सांप्रदायिक फूट की प्रयोगशाला बना रही है। जंगी ने कहा कि उत्तराखंड की बेहतरी के लिए आवश्यक है कि इसे भाजपा की नीतियों से मुक्त किया जाए।
भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय ने आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने कहा कि एक कैबिनेट मंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई की अनुमति देने के बावजूद भाजपा सरकार चुप है। 58,000 से अधिक सरकारी पद खाली हैं, और पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नौकरी दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी का सिलसिला जारी है।
आवारा पशुओं के मुद्दे पर भी डा. पाण्डेय ने चिंता जताई, कहां कि गायों के संरक्षण के नाम पर बने कानून ने पशुपालन को तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल गायों का राजनीतिक उपयोग कर रही है, जबकि उनके दुर्दशा से उसे कोई सरोकार नहीं है।
महिलाओं और युवतियों के खिलाफ हिंसा के मामलों की बढ़ती संख्या पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की। अंकिता भंडारी हत्याकांड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की संलिप्तता इस मुद्दे को और गंभीर बनाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया।
इस कार्यक्रम में तय किया गया कि 6 नवंबर को सरकार की प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की नीति, विद्युत विभाग के निजीकरण और भारी बिजली बिलों के खिलाफ लालकुआं में प्रदर्शन किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से बहादुर सिंह जंगी, डा. कैलाश पाण्डेय, पुष्कर दुबड़िया, विमला रौथाण, नैन सिंह कोरंगा, चन्दन राम, निर्मला शाही, ललित मटियाली, अनीता, प्रमोद कुमार, शेर सिंह, अजय पाल, और आयशा शामिल रहे।